कॉलेज परीक्षा पर Covid का असर, प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर की परीक्षाएं Online होंगी आयोजित
ब्लैन्डेड मोड के लिए दिशा-निर्देश जारी
रायपुर/नवप्रदेश। Online Exam : कोविड-19 की महामारी के संक्रमण को देखते हुए राज्य शासन ने प्रदेश के सभी राजकीय, निजी विश्वविद्यालयों एवं शासकीय तथा अशासकीय महाविद्यालयों में शिक्षा सत्र 2021-22 में अध्यापन एवं अध्ययन तथा परीक्षाओं के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
कोरोना संकट की वजह से इस साल भी विश्वविद्यालयों की परीक्षा, केंद्रों पर नहीं होगी। इन्हें ऑनलाइन या ब्लेंडेड तरीके से कराया जाएगा। यानी परीक्षार्थी कॉपी घर से लिखकर विश्वविद्यालय अथवा कॉलेज में जमा कराएंगे। उसी के आधार पर मूल्यांकन कर उन्हें अंक दिए जाएंगे। परीक्षा का निर्धारण विश्वविद्यालयों की कार्य परिषद को करना है।
परीक्षा को लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने निर्देश (Online Exam) जारी कर दिया है। शैक्षणिक सत्र 2021-22 के सेमेस्टर पद्धति वाले सभी पाठ्यक्रमों की प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर की परीक्षाएं ऑनलाईन या ब्लैन्डेड मोड में आयोजित किये जायेंगे। विश्वविद्यालयों द्वारा इस संबंध में उनकी कार्य परिषद के अनुमोदन से विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करने कहा गया है।
जारी निर्देश में कहा गया है कि विद्यार्थियों की भौतिक उपस्थिति तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित करते हुए समस्त कक्षाओं का संचालन ऑनलाईन पद्धति से सुनिश्चित किया जाए। शैक्षणिक-अशैक्षणिक अमले को एक-तिहाई रोस्टर पद्धति से उपस्थित रहने का निर्देश जारी किया जाए। रोस्टर ड्यूटी वाले दिवसों पर शैक्षणिक अमले द्वारा शिक्षण कार्य महाविद्यालय से, एवं शेष दिवसों में निवास से ही ऑनलाईन (Online Exam) अध्यापन कार्य महाविद्यालय के समय-सारिणी अनुसार नियत समय पर लिया जाये।
दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि महाविद्यालय के गैर-शैक्षणिक कार्य रोस्टर ड्यूटी अनुसार उपस्थित कर्मचारियों द्वारा महाविद्यालय में उपस्थित होकर किया जायेगा किन्तु शेष समस्त कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम पद्धति से दूरभाष तथा ऑनलाईन प्रक्रिया से कार्यों में सहयोग करेंगे। किसी भी स्थिति में अधिकारी-कर्मचारी द्वारा अवकाश स्वीकृति कराये बिना तथा सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना मुख्यालय का त्याग नहीं किया जायेगा।
कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI के लोग ऑफलाइन यानी केंद्रों में परीक्षा लिए जाने का विरोध कर रहे थे। दो दिन पहले ही संगठन के नेताओं ने कुलपति को ज्ञापन सौंपकर परीक्षा टालने की मांग की थी। उनका कहना था कि कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। इसमें अगर परीक्षा हुई तो स्टूडेंट्स के बीमार होने का खतरा बढ़ जाएगा। परीक्षार्थी बीमार होगा तो उसका नुकसान होगा। ऐसे में परीक्षाएं रद्द कर दी जाएं या फिर ऑनलाइन परीक्षा ली जाए ताकि संक्रमण की संभावना कम हो।