संपादकीय: पाकिस्तान को ईरान की लताड़

Iran rebukes Pakistan
Iran rebukes Pakistan: पाकिस्तान के खिलाफ आपरेशन सिंदूर के बाद हुए संघर्ष विराम के पश्चात भारत ने सांसदों का सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल संयुक्त राष्ट्र सहित दुनिया के प्रमुख 30 देशों के लिए रवाना किया है। सांसदों का यह डेलिगेयशन विश्व समुदाय को पाकिस्तान की हकीकत बता रहा है और भारत के पक्ष में समर्थन जुटा रहा है। भारत की देखा देखी पाकिस्तान ने भी अपने मित्र राष्ट्रों के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजने का फैसला किया है जिसका नेतृत्व बिलावल भुट्टो जैसे सिरफिरे नेता को सौंपा गया है।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल जिस बेबाकी के साथ अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को बेनकाब कर रहा है उसे देखते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने आर्मी चीफ असीम मुनीर को साथ लेकर खुद ही कुछ मुस्लिम राष्ट्रों का दौरा करने का निर्णय लिया है। सबसे पहले यह जोड़ी तुर्कीए पहुंची और उसका सहयोग के लिए शुक्रिया अदा किया। तुर्कीए ने पाकिस्तान को आपरेशन सिंदूर के दौरान अपने ड्रोन दिये थे हालांकि वे भारतीय सेना द्वारा मार गिराये गये थे। तुर्कीए के बाद शाहबाज शरीफ असीम मुनीर के साथ ईरान पहुंचे और उन्हें उम्मीद थी कि ईरान उनके साथ खड़ा होगा लेकिन ईरान के राष्ट्रपति ने पाकिस्तान को लताड़ लगा दी।
उन्होंने दो टूक कह दिया कि पाकिस्तान सीमा से किसी भी तरह के आतंकवाद को ईरान बर्दाश्त नहीं करेगा। ईरान ने पाकिस्तान को नसीहत दी कि वह भारत ही नहीं बल्कि ईरान के खिलाफ भी की जाने वाली आतंकी घटनाओं पर रोक लगाये वरना ईरान भी पाकिस्तान को उसके घर में घुसकर सबक सिखाएगा। ईरान के राष्ट्रपति की यह लताड़ सुनकर शाहबाज शरीफ और असीम मुनीर की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई। इससे बड़ी बेइज्जती पाकिस्तान की और कोई हो ही नहीं सकती थी। गौरतलब है कि पाकिस्तान और ईरान की सीमा पर भी तनाव बना हुआ है।
पिछले साल ही पाकिस्तान ने ईरान में आतंकवादियों की घुसपैठ कराई थी जिसके जवाब में ईरान ने भी पाकिस्तान के खिलाफ छोटी ही सही लेकिन सैन्य कार्यवाही की थी। ईरान पाकिस्तान के नापाक ईरादों को भलीभांति समझता है इसलिए उसमें पाकिस्तान के साथ खड़े होने से स्पष्ट रूप से इंकार कर दिया। उल्टे ईरान ने पाकिस्तान के लिए मुसीबत का एक और सामान कर दिया। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने ईरान को अपने शीशे में उतारने के लिए वहां यह बयान दे दिया कि पाकिस्तान ईरान के परमाणु कार्यक्रम का समर्थन करता है।
शाहबाज शरीफ ने ईरान को खुश करने के लिए यह बयान दिया था लेकिन ईरान ने पाकिस्तान का साथ देने इंकार कर उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। पाकिस्तान के इस बयान से अब निश्चित रूप से अमेरिका पाकिस्तान से नाराज हो जाएगा। क्योंकि अमेरिका ईरान के परमाणु कार्यक्रम का सख्त विरोधी है और वह ईरान को सबक सिखाने की योजना बनाये बैठा है। इजराइल भी ईरान के खिलाफ सैन्य कार्यवाही करने की कवायद कर रहा है।
वह सिर्फ अमेरिका के इशारे की प्रतिक्षा में है जैसे ही अमेरिका हरी झंडी देगा इजराइल ईरान के परमाणु संयंत्र को उड़ा देगा। रही बात भारत और ईरान के संबंधों की तो दोनों के बीच मधुर संबंध है ऐसे में ईरान भारत के खिलाफ पाकिस्तान के साथ खड़ा होने की बात सपने में भी नहीं सोच सकता। कुल मिलाकर शाहबाज शरीफ और असीम मुनीर को ईरान से निराशा ही हाथ लगी है और वे लौट के बुद्धु घर को आये की तर्ज पर ईरान से अपनी बेइज्जती कराकर रवाना हुए हैं।