संसद में संबोधन के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा- आपातकाल भारत के संविधान के लिए सबसे बड़ा झटका था

संसद में संबोधन के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा- आपातकाल भारत के संविधान के लिए सबसे बड़ा झटका था

During her address in Parliament, President Draupadi Murmu said- Emergency was the biggest blow to the Constitution of India

President Draupadi Murmu said Emergency

-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित किया

नई दिल्ली। President Draupadi Murmu said Emergency: आपातकाल भारत के संविधान के लिए सबसे बड़ा झटका था। 1975 में जब आपातकाल घोषित किया गया तो देश में अराजकता का माहौल था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा है कि तब लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश की गई थी।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। उन्होंने आगे कहा हमारे लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने की हर कोशिश की सभी को निंदा करनी चाहिए। अलगाववादी ताकतें देश के भीतर और बाहर लोकतंत्र को कमजोर करने और समाज को बांटने की साजिश रच रही हैं।

तब पूरा देश अंधकार में डूब गया

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा आपातकाल संविधान पर हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय था। आपातकाल के दौरान पूरा देश अंधेरे में डूब गया था। हालांकि देश ऐसी असंवैधानिक ताकतों को हराने में सफल रहा।

सांसदों को भी दी गई सलाह-

राष्ट्रपति ने कहा-आज का समय भारत के लिए बहुत अनुकूल है और संविधान हमारे लिए ‘जन चेतना’ का हिस्सा है। नीतियों का विरोध करना और संसद को बाधित करना दो अलग-अलग चीजें हैं। सभी सदस्यों के लिए जनहित सर्वोपरि होना चाहिए।

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