DSP Sneha Girpunje Appointment : शहादत की विरासत बनी स्नेहा गिरपुंजे, शहीद ASP आकाश गिरपुंजे की पत्नी को मिली डीएसपी की जिम्मेदारी

DSP Sneha Girpunje Appointment
DSP Sneha Girpunje Appointment : साहस, सेवा और संकल्प का संगम जब किसी इंसान में दिखता है, तो वह केवल एक पद नहीं, बल्कि एक प्रेरणा बन जाता है। यही कहानी है डीएसपी स्नेहा गिरपुंजे (DSP Sneha Girpunje Appointment) की – जिनकी नियुक्ति ने पूरे छत्तीसगढ़ में शहादत और समर्पण की भावना को फिर से जीवित कर दिया है।
9 जून को सुकमा जिले के कोंटा डिवीजन में हुए नक्सली हमले में एएसपी आकाश राव गिरपुंजे वीरगति को प्राप्त हुए थे। अब राज्य सरकार ने उनकी पत्नी स्नेहा गिरपुंजे को अनुकंपा नियुक्ति के तहत डीएसपी पद की जिम्मेदारी सौंपी है। गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, उनकी पहली पोस्टिंग चंद्रखुरी पुलिस अकादमी में की गई है।
साय सरकार की संवेदनशील पहल
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के विशेष निर्देश पर यह नियुक्ति की गई है। इसे केवल एक औपचारिक नियुक्ति नहीं, बल्कि “सेवा और साहस की विरासत का सम्मान” कहा जा रहा है। आदेश के साथ गृह विभाग ने नौ शर्तें निर्धारित की हैं, जो उनके कार्यकाल (DSP Sneha Girpunje Appointment) में पालन योग्य होंगी।
राज्य सरकार का मानना है कि ऐसे निर्णय केवल नीतिगत नहीं होते, बल्कि यह संदेश देते हैं कि छत्तीसगढ़ अपने शहीदों और उनके परिवारों को कभी नहीं भूलता।
शहादत जिसने झकझोर दिया था प्रदेश
9 जून की सुबह, नक्सलियों द्वारा घोषित बंद के एक दिन पहले, एएसपी आकाश गिरपुंजे अपनी टीम के साथ डोंड्रा गांव के पास गश्त पर थे। तभी नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर IED की चपेट में पुलिस दल आ गया। विस्फोट इतना भीषण था कि आकाश गिरपुंजे ने मौके पर ही शहादत दे दी, जबकि एसडीओपी चंद्राकर और टीआई सोनल ग्वाला गंभीर रूप से घायल हुए।
बाद की जांच में स्पष्ट हुआ कि यह घटना नक्सलियों द्वारा रची गई पूर्वनियोजित साजिश थी। उन्होंने एक दिन पहले गांव की खदानों में आग लगाई थी ताकि पुलिस वहां पहुंचे और फिर वहां 2 फीट नीचे दबा IED विस्फोट कर सके।
एक वीर की पत्नी, अब एक अधिकारी की भूमिका में
स्नेहा गिरपुंजे ने न केवल अपने जीवनसाथी की शहादत को गर्व से स्वीकार किया, बल्कि उसे अपनी प्रेरणा भी बनाया। अब वह एक पुलिस अधिकारी के रूप में वही सेवा भावना लेकर आगे बढ़ेंगी, जिसके लिए उनके पति ने प्राण न्योछावर किए।
गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि उनकी नियुक्ति युवा महिलाओं के लिए भी एक प्रेरणादायी मिसाल बनेगी – कि वर्दी सिर्फ अधिकार का नहीं, बल्कि जिम्मेदारी और सम्मान का प्रतीक है।
छत्तीसगढ़ सलाम करता है इस जज़्बे को
यह कहानी केवल एक नियुक्ति की नहीं, बल्कि उस भावना की है जो “कर्तव्य” शब्द को नया अर्थ देती है। स्नेहा गिरपुंजे की यह शुरुआत बताती है कि शहादत (DSP Sneha Girpunje Appointment) कभी समाप्त नहीं होती – वह नई पीढ़ी के रूप में आगे बढ़ती है, नये रूप में सेवा करती है।
स्नेहा गिरपुंजे का यह कदम न केवल उनके पति की शहादत को अमर बनाएगा, बल्कि यह भी साबित करेगा कि जब एक स्त्री ठान ले, तो वह दर्द को भी प्रेरणा में बदल सकती है।