Dr Raman Singh Interview: आदिवासी मुख्यमंत्री के नेतृत्व में समावेशी विकास के साथ हो रहा राज्य में नवाचार : डॉ. रमन सिंह
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह की दैनिक नव प्रदेश से विशेष बातचीत के संपादित अंश
रायपुर/नवप्रदेश। Dr Raman Singh Interview: संसदीय लोकतंत्र के सबसे अनुभवी नेता छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह अपनी राजनीतिक और संवैधानिक जिम्मेदारी को लेकर काफी संजीदा है। वे मानते है 15 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद पार्टी ने उन्हें जो संवैधानिक जिम्मेदारी दी है उसका भी निर्वहन कर रहे है। लोकसभा चुनाव में संवैधानिक मर्यादाओं में रहकर अपनी जिम्मेदारी निभाई। हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बयान पर उनका संतुलित जवाब सोशल मीडिया पर आया। राज्य व देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति विधानसभा में दलीय संतुलन से लेकर कई महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर डॉ. रमन सिंह से दैनिक नवप्रदेश के प्रधान संपादक यशवंत धोटे से लम्बी बातचीत के प्रमुख अंश…
प्रश्न 1 : 2023 के विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद भाजपा के नवाचार को आप किस रूप में देखते हैं?
उत्तर : 2023 के विधानसभा चुनाव छत्तीसगढ़ में कोई साधारण चुनाव नहीं थे, यह एक युवा छत्तीसगढ़ द्वारा दो विचारधाराओं के बीच चुनाव था। इन चुनाव में छत्तीसगढ़ की जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी पर मोहर लगाकर एक नए और बेहतर भविष्य के लिए मतदान किया है। परिणाम के बाद भाजपा में आप जिस नवाचार को देख रहे हैं, यह नवाचार हमारे छत्तीसगढ़ को युवा सोच और आधुनिक तकनीक से एक नई दिशा में आगे लेकर बढऩे वाला है। आज छत्तीसगढ़ शासन में अधिकांश मंत्री-विधायक युवा हैं, जिनके पास आधुनिक विचार और एक नई सोच है। अब हमारा छत्तीसगढ़ परिवर्तन के उसे दौर में है जिससे आने वाले कई साल निर्धारित होंगे।
जब छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण हुआ तब पूरे देश में छत्तीसगढ़ की पहचान एक नक्सल प्रभावित राज्य के तौर पर होती थी, 2003 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद हमारी सरकार ने उत्तरोत्तर विकास, जनहितकारी योजनाओं और कुशल नीति-निर्धारण से छत्तीसगढ़ की नक्सल वाली पहचान को परिवर्तित करके एक प्रगतिशील राज्य की नई पहचान निर्मित की। आज 23 वर्षों के बाद अब हमारा युवा छत्तीसगढ़ (Dr Raman Singh Interview) आधुनिकता के नए युग की ओर आगे बढ़ रहा है, जिसमें प्रदेश के आदिवासी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का नेतृत्व समाहित है। इस समावेश से हमारा छत्तीसगढ़ नवाचार करते हुए बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है, अब विधानसभा के पटल पर केवल एक वित्तीय वर्ष का बजट प्रस्तुत नहीं होता बल्कि वर्ष 2047 तक छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने के विषय पर चर्चा होती है यह नवाचार हमारे प्रदेश को एक सकारात्मक दिशा और सर्वांगीण विकास प्रदान करेगा ऐसा मेरा विश्वास है।
प्रश्न 2 : आप राज्य के 15 साल मुख्यमंत्री रहे और आपने भी तीन बार लोकसभा चुनाव प्रचार की कमान संभाली जिस का परिणाम जग जाहिर है। इस बार बदली हुई परिस्थिति में 11 लोकसभा के संभावित परिणामों का आप क्या सोचतें है?
उत्तर : छत्तीसगढ़ के लोकसभा चुनाव में हमेशा ही प्रदेश का मत स्पष्ट रहा है। आप 2004 के लोकसभा चुनाव के परिणाम को देखिए, जिसमें 11 में से 10 सीट भारतीय जनता पार्टी जीत कर आई थी, 2009 के लोकसभा चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी ने 11 में से 10 सीटों पर जीत हासिल की थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी फिर एक बार 11 में से 10 सीटें जीतकर आई और जब प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा सिर्फ 15 सीटें ही हासिल कर सकी थी तब भी लोकसभा में 11 में से 9 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही थी।
छत्तीसगढ़ की जनता ने लोकसभा चुनावों में हमेशा ही भाजपा के कमल निशान और राष्ट्रवाद की विचारधारा पर मुहर लगाई है और इस बार जब मोदी जी के एक दशक के कार्यकाल में कश्मीर से धारा 370 समाप्त हुई है, अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण संभव हुआ है, प्रधानमंत्री आवास से लेकर आयुष्मान योजना, 80 करोड़ देशवासियों को नि:शुल्क राशन से लेकर नल से शुद्ध जल और ढ़ेरों जन-हितकारी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन हुआ है तब पूरे देश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ को भी नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व पर अटूट विश्वास है।
इस वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव (Dr Raman Singh Interview) में जब छत्तीसगढ़ ने मोदी की गारंटी पर मोहर लगाकर प्रदेश में कमल खिलाया है तब मैं पूरे दावे के साथ यह कह सकता हूं कि 4 जून को छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा सीटों पर 11 कमल खिलेंगे, देश में 400 पार का लक्ष्य पूरा होगा और एक बार फिर मोदी जी जीत की हैट्रिक लगाकर प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण करेंगे।
प्रश्न 3 : राजनांदगांव लोकसभा सीट इस बार पूर्व मुख्यमंत्री के चलते हाई प्रोफाईल रही। क्या लगता है आपको? कैसा रहेगा परिणाम?
उत्तर : राजनांदगांव लोकसभा सीट का इतिहास बहुत ही रोचक रहा है, यह पहली बार नहीं है जब कोई पूर्व मुख्यमंत्री राजनांदगांव लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। मुझे याद है कि वर्ष 1999 में पूर्व मुख्यमंत्री रहे मोतीलाल वोरा ने भी राजनांदगांव लोकसभा से चुनाव लड़ा था और भारतीय जनता पार्टी से एक साधारण कार्यकर्ता डॉ रमन उनके सामने चुनाव में था। आप राजनांदगांव की जनता के विवेक और उनकी विचारधारा को देखिए कि एक साधारण से कार्यकर्ता को राजनांदगांव की जनता ने पूर्व मुख्यमंत्री के सामने जिताकर देश की सबसे बड़ी पंचायत लोकसभा में भेज दिया।
यह जीत सिर्फ मेरी जीत नहीं थी बल्कि भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा और राजनांदगांव वासियों के प्रेम और समर्थन से संभव हुई जीत थी। राजनांदगांव को यह विश्वास था कि इस क्षेत्र का यदि कोई विकास कर सकता है तो वह केवल भारतीय जनता पार्टी ही कर सकती है और आज तक राजनांदगांव ने मुझे अपना आशीर्वाद देकर भारतीय जनता पार्टी पर वह विश्वास बनाए रखा है।
जहां तक बात इस चुनाव की है तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा चुनाव में भी अपने मित्र को राजनांदगांव भेजकर यह कोशिश की थी, वह भांचा बनकर आए थे और छुट्टी मनाकर घर चले गए। इस बार खुद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आए हैं, जिन्होंने राजनांदगांव से प्रमुख कार्यालय को दुर्ग शिफ्ट किया था, जिन्होंने 5 साल की सत्ता में राजनांदगांव के साथ पक्षपात किया था, जिन्होंने पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार की नदी बहाई थी और जब लोकसभा चुनाव के परिणाम आएंगे तब आप देखिएगा कि राजनांदगांव की जनता भूपेश बघेल से हर अन्याय से हिसाब करके उनको करारा जवाब देगी।
प्रश्न 4 : संसदीय लोकतंत्र में आपके लम्बे-राजनीतिक अनुभव है और छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष है। नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष भी कमोवेश इतने ही अनुभवी है कैसे लगता है सदन का संचालन करना?
उत्तर 4 :छत्तीसगढ़ विधानसभा (Dr Raman Singh Interview) पूरे प्रदेश की सबसे गरिमामयी परिषद है। जहां पूरे प्रदेश से चुनकर आए जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ को एक बेहतर और विकसित राज्य बनाने के लिए हम सभी कार्य करते हैं। आज जब हमारे छत्तीसगढ़ विधानसभा में चुनकर आए युवा विधायकों में एक नया जज़्बा है, नारीशक्ति की सशक्त आवाज है, नेता सदन के तौर पर एक आदिवासी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय है और नेता प्रतिपक्ष के रूप में एक अनुभवी जनप्रतिनिधि और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत भी शमिल हैं। तब मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ यह कह सकता हूं कि इस विधानसभा में लगभग सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व और अनुभवी नेताओं का एक अद्भुत समावेश है।
इस आधुनिक परिवर्तन के दौर में हमारी छत्तीसगढ़ की विधानसभा एक ऐसा परिवार है जिसमें युवा विचारों के साथ ही अनुभवी वरिष्ठजन का मार्गदर्शन भी है, जिससे प्रदेश की प्रगति सुनिश्चित होना सुनिश्चित है। ऐसी विधानसभा के अध्यक्ष की आसंदी पर बैठना मेरे लिए गौरव का विषय है, छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मैं उस क्षण का साक्षी बना हूं जब पहली बार प्रदेश में पेपरलेस बजट प्रस्तुत किया गया। मैंने इस बजट सत्र में यह महसूस किया है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में वरिष्ठों के अनुभव और उनके परामर्श को साथ लेकर चलने वाली नई युवा पीढ़ी अपने नवाचार, अभिनव दृष्टिकोण के साथ ही सांस्कृतिक महत्व और पारंपरिक गौरव को स्वीकार करके अपने प्रदेश को विकास के नए मार्ग पर अग्रसर करने के लिए उत्साहित है और जिस मंशा के साथ श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई जी ने पृथक राज्य छत्तीसगढ़ का निर्माण किया को हम वैसे विकसित छत्तीसगढ़ की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
प्रश्न 5 : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में आप के राजनीतिक करियर को लेकर टिप्पणी की भी आप क्या सोचते हैं?
उत्तर 5 : फिलहाल जमानत पर बाहर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के लिए राजनीति सिर्फ सत्ता और पद का विषय है। जिस भ्रष्टाचार के विरुद्ध आंदोलन करके वह सत्ता में आए थे आज वैसे ही भ्रष्टाचार में संलिप्त होने की वजह से उन्हें जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ा है। आप सत्ता के प्रति अरविंद केजरीवाल जी का मोह देखिए कि उन्होंने जेल जाने पर भी अपना पद नहीं छोड़ा। जिनके लिए राजनीति सिर्फ पद का विषय हो ऐसे लोगों के लिए भाजपा की विचारधारा और डॉक्टर रमन का राजनीतिक करियर समझ पाना कभी संभव नहीं हो सकता। मैं भारतीय जनता पार्टी का वो कार्यकर्ता हूं, जिसने श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार के वह दिन भी देखे हैं जब विपक्ष ने उन्हें कटघरे में खड़ा किया तब श्री अटल जी ने अपने सिद्धांतों पर अडिग रहकर प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
मैंने लालकृष्ण आडवाणी जी का त्याग और समर्पण देखा है और फिर हम सभी ने प्रधानमंत्री मोदी का वह राष्ट्रवाद भी देखा है जहां उन्होंने पूरे विश्व के सामने भारत के दृष्टिकोण और भारतीयों के पक्ष को मजबूती से रखकर अपने राष्ट्रीय गौरव से जरा भी समझौता नहीं किया। यह सेवाभाव भाजपा की विचारधारा में समाहित है कि हमें मां भारती की सेवा के लिए खुद को समर्पित करना है ना कि किसी पद-प्रतिष्ठा और सम्मान के लिए राजनीति करनी है, हम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति के उत्थान के लिए कार्य करते हैं, जिसमें राष्ट्रहित ही हमारा उद्देश्य और जन-उत्थान ही हमारा पारिश्रमिक है लेकिन अरविंद केजरीवाल जी इस विचारधारा को कभी समझ नहीं पाएंगे इसीलिए उन्हें वो डॉ रमन के राजनीतिक करियर पर टिप्पणी करते हैं। उन्हें अपना घर देखना चाहिए।
प्रश्न 6 : आप 15 साल नेता सदन रहे अब अध्यक्षीय आसंदी पर है , दोनों ही भूमिकाओं में से बेहतर और आसान कौन सी लगती है?
उत्तर 6 : डेढ़ दशक तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के नाते प्रदेशवासियों ने मुझे एक ऐसी जिम्मेदारी सौंपी थी, जिसमें एक ऐसा राज्य जिसे बीमारू और नक्सल प्रदेश कहा जाता था उसे विकास के मार्ग पर आगे बढ़कर प्रगतिशील प्रदेश बनाना था। भारतीय जनता पार्टी की सरकार में हम सभी ने मिलकर अथक परिश्रम किया, पारदर्शी नीतियां, अधोसंरचना विकास, शैक्षणिक संस्थान और सुरक्षित वातावरण निर्मित कर हमने छत्तीसगढ़ को एक विकासशील राज्य की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया। 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद इस विकास पर थोड़ा ब्रेक तो लगा लेकिन अब वापस हम विकास की पटरी पर लौट रहे हैं और अब मेरी जिम्मेदारी विधानसभा अध्यक्ष के नाते शासन के नीति निर्धारण, संसदीय अवलोकन और विधान बनाने की है।
जिसमें सदन के सदस्यों का मुझे पूरा सहयोग मिल रहा है और समय-समय पर छत्तीसगढ़ शासन के मंत्रिमंडल को सुझाव देकर मैं अपने अनुभव उनसे साझा करता रहता हूं। अब इसमें यह चुनाव कर पाना कि कौन सी जिम्मेदारी सरल थी और कौन सी कठिन है यह बहुत ही मुश्किल है क्योंकि जब आप जनकल्याण और विकसित प्रदेश के निर्माण के उद्देश्य से कार्य करते हैं तब कोई भी जिम्मेदारी आसान या कठिन नहीं होती। मैं मुख्यमंत्री के तौर पर भी प्रदेश की सेवा में समर्पित था और आज भी छत्तीसगढ़ महतारी का सेवक बनकर कार्य कर रहा हूं।
प्रश्न 7 : कांग्रेस की जातिगत जनगणना की राजनीति को आप किस रूप में दिखते है?
उत्तर 7 : आज जब देश जाति-पंथ-संप्रदाय से ऊपर उठकर भारतीयता के गौरव को स्वीकार कर सबका साथ सबका विकास के रास्ते पर आगे बढ़ चुका है तब जाति जनगणना की मांग कांग्रेस और इंडी गठबंधन के तुष्टीकरण की राजनीति को दर्शाती है। क्या भारत में जाति ही सब कुछ होगी और भारतीयता कुछ भी नहीं? जब देश के गरीबों को राशन चाहिए था तब प्रधानमंत्री ने जाति देखकर नहीं बल्कि भूख देखकर 80 करोड़ भारतवासियों को नि:शुल्क राशन की व्यवस्था की। प्रधानमंत्री आवास की पक्की छत देने से पहले किसी गरीब की जाति नहीं बल्कि जरुरत देखी गयी लेकिन सत्ता के मोह में जाति जनगणना की मांग करके कांग्रेस पार्टी ने अपने ही पुरखों के बने सिद्धांतों को खारिज कर दिया है।
महात्मा गांधी ने जाति जनगणना को समाज को विभाजन करने की अंग्रेजी साजिश बताया था और इसका पुरजोर विरोध किया था। कांग्रेस के विरोध के कारण ही भारत में जाति जनगणना बंद हुई थी। देश 1947 में स्वतंत्र हो गया इसके बाद केंद्र में और ज्यादातर राज्यों में कांग्रेस पार्टी की सरकार रही तब 1951 से लेकर 2011 तक सभी जनगणना कांग्रेस पार्टी के राज में हुई है तब जाति जनगणना का मुद्दा क्यों नहीं उठा?
जहाँ तक पिछड़े वर्गों के कल्याण का विषय है तो कांग्रेस ने पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए कभी कोई ठोस कदम नहीं उठाया, वहीं प्रधानमंत्री ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया। आज जब चुनाव सामने हैं तब कांग्रेस को जातिगत जनगणना का ख्याल आ रहा है, उनका असली उद्देश्य पिछड़ों को अधिकार दिलाना नहीं बल्कि सिर्फ विभाजन की राजनीति करना है, इसके अलावा कुछ भी नहीं और जनता इस बात को जान चुकी है इसीलिए पूरा देश एकजुट होकर मोदी जी के साथ खड़ा है।
प्रश्न 8 : राज्य की विष्णुदेव सरकार के पांच महीने के कार्यकाल को आप 10 में से कितने नंबर देंगे?
उत्तर 8 : विष्णुदेवसाय जी के रूप में छत्तीसगढ़ को पहली बार एक निर्विवाद आदिवासी मुख्यमंत्री मिला है। पिछले 5 महीने के उनके कार्यकाल में छत्तीसगढ़ ने जो रफ्तार देखी है, वह अद्भुत है। चुनाव से पहले जिस निश्चय के साथ भाजपा जनता के बीच गई थी और जिस संकल्प पत्र पर छत्तीसगढ़वासियों ने मोहर लगाई थी वह धरातल पर सरकार होता दिखाई दे रहा है। छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय जी की नई सरकार बनते ही संकल्प पत्र (मोदी की गारंटी) के वादे पूरे होने शुरू हो गए, जिसमें किसान साथियों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल में प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी का किया वादा पूरा हुआ, प्रदेश 12 लाख किसानों के खाते में लगभग 4 हजार करोड़ रुपए (3716 करोड़ रुपए) 2 साल का बकाया बोनस मिला, युवाओं से पीएससी घोटाले की जांच का वादा पूरा हुआ, महिलाओं से महतारी वंदन योजना के तहत हर महीने 1 हजार की सहायता देने का वादा पूरा हुआ, हालही में प्रदेश की 70 लाख से अधिक महिलाओं के खाते में कुल लगभग 655-655 करोड़ रुपए की 2 किश्त ट्रांसफर की गई।
इसके साथ ही बीरनपुर हिंसा की सीबीआई जांच पर भी स्वीकृति हो चुकी है। हमारे प्रदेश के मुखिया विष्णुदेवसाय जी ने अपने आवास से पहले गरीबों के आवास की चिंता की और अपने आवास में शिफ्ट होने से पहले 18 लाख प्रधानमंत्री आवासों को स्वीकृति प्रदान की, इस तरह तेजी से सभी वादे पूरे हो रहे हैं जो हर वर्ग का विकास सुनिश्चित कर रहे हैं और जितनी तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। अब छत्तीसगढ़ 11 लोकसभा सीटों पर कमल खिलाकर विष्णुदेव सरकार को 10 में से 11 नंबर देने जा रहा है।
प्रश्न 9 : भाजपा की सत्ता और संगठन के कामकाज से आप बेहतर वाकिफ है। मौजूदा दौर में चल रहे काम काज को आप किस रूप में देखते हैं?
उत्तर 9 : भारतीय जनता पार्टी विश्व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक पार्टी है। आज जब पूरे विश्व में कहीं युद्ध की स्थिति है और कहीं आपसी टकराव है। कहीं लोकतंत्र का पतन हो रहा है और कहीं एक मजबूत नेतृत्व का अभाव है, ऐसे दौर में हमारे देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व पर केवल संगठन ही नहीं बल्कि पूरे देशवासियों का अटूट विश्वास और अपार जन-समर्थन है। यह जनता के सहयोग और उनके विश्वास से ही सुनिश्चित हुआ है कि आज केंद्र सरकार मजबूत और कड़े निर्णय लेने में सफल हो रही है।
आप विपक्ष की स्थिति देखिए, ना तो उनके संगठन है, न ही कोई विचारधारा बची है, नकोई नेता बचा है और न ही किसी पर कोई विश्वास बचा है। यह सब सत्ता की लड़ाई में व्यस्त है वहीं दूसरी तरफ आप भाजपा के कार्यों का आंकलन कीजिए जहां सिर्फ सेवाभाव है और संघर्ष की दूर-दूर तक कोई भी स्थिति नहीं है। इसका परिणाम यह हुआ है कि आज भारत सर्वांगीण विकास करते हुए विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर मजबूती के साथ खड़ा है और जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में भारत का नाम लिखा होगा, यह सारी उपलब्धियां विचारधारा के अनुरूप कार्य करने, माँ भारती के सेवा में समर्पित संगठन के एकजुट होने और जनता के अपार समर्थन से ही संभव हुआ है।
प्रश्न 10 : पिछले पांच साल कांग्रेस की सरकार राज्य में रही और सामाजिक न्याय को लेकर खूब बात की आपको लगता है कि सचमुच सामाजिक न्याय की दिशा में सरकार ने कोई काम किया है? वह भी तब जब भाजपा ने बिना ढिढ़ौरा पीटे आदिवासी मुख्यमंत्री बना दिया?
उत्तर 10 : कांग्रेस के 5 साल में न तो कहीं पर सामाजिक न्याय था और न ही कोई न्यायिक सरकार थी। 5 सालों में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ को केवल भ्रष्टाचार, गुंडाराज के साथ जुआं और शराब परोसा है। कवर्धा में जब भगवे ध्वज को पैरों तले रौंदा गया क्या वह सामाजिक न्याय था? बिरनपुर में जब भुनेश्वर साहू की निर्मम हत्या कर दी गई और कोई कांग्रेसी बिरनपुर झांकने भी नहीं गया क्या वह सामाजिक न्याय था? भिलाई में भारत माता की जय बोलने पर मलकीत की हत्या कर दी गई क्या वह सामाजिक न्याय था? या फिर बस्तर में आदिवासियों को प्रताडि़त किया गया वह सामाजिक न्याय आया था? कांग्रेस ने यदि 5 साल में कुछ किया है तो केवल समाज को बांटने और तोडऩे का काम किया है, इन्होंने छत्तीसगढिय़ावाद के नाम पर केवल तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ावा दिया जबकि उन्हीं छत्तीसगढिय़ा युवाओं की नौकरी को पीएससी में बेचकर कांग्रेसी नेताओं और भ्रष्ट अधिकारियों के बच्चों को दे दी गई। क्या यह सामाजिक न्याय था?
अगर कांग्रेस इसे सामाजिक न्याय कहती है तो उन्हें विष्णुदेवसाय जी से यह सीखना चाहिए कि कैसे एक आदिवासी मुख्यमंत्री ने प्रदेश की माताओं-बहनों से बिना जाति और धर्म पूछे महतारी वंदन योजना से 1000 रुपए पहुंचाने शुरू कर दिए। किस तरह समाज के वंचित वर्ग के लोगों के लिए 18 लाख आवास स्वीकृत कर पक्की छत की व्यवस्था कर दी गई। इस सामाजिक न्याय और सामाजिक विकास के विषय में कांग्रेस ने कभी सोचा भी नहीं था लेकिन जब एक आदिवासी नेता छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पद पर पहुंचे हैं तब उन्होंने वास्तविक सामाजिक न्याय की परिभाषा कांग्रेस को सिखलाई है।