Dr. Charandas Mahant's Sarcasm On The Budget : बोले- किसानो से अन्याय, गरीब-मध्यम वर्गियों का विरोधी बजट

Dr. Charandas Mahant’s Sarcasm On The Budget : बोले- किसानो से अन्याय, गरीब-मध्यम वर्गियों का विरोधी बजट

Dr. Charandas Mahant's Sarcasm On The Budget :

Dr. Charandas Mahant's Sarcasm On The Budget :

किसानो से अन्याय, महंगाई, बेरोजगारी बढ़ाने वाला बजट – डॉ चरणदास महंत

रायपुर/नवप्रदेश। Dr. Charandas Mahant’s Sarcasm On The Budget : नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसानो से अन्याय, गरीब-मध्यम वर्गियों का विरोधी बजट है। केंद्र की भाजपा सरकार ने फिर से साबित किया है कि, यह भाजपा सरकार पुंजीपतियों की सरकार हैं, गरीब, मध्यम, आमजन का केवल शोषण करती हैं। पिछले दस सालों में जो लूटपाट और अन्याय इस देश के मध्यवर्ग और गरीब के साथ हुआ है वह पुनः दोहराया गया है।

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि, सारा देश महंगाई से जूझ रहा है, लेकिन बजट में महंगाई के खिलाफ कदम उठाने की बात नहीं की गई। इस बजट में सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने के लिए सहयोगी दलों को खुश किया गया है।

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कहा कि, बेरोजगारी देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती है, कुछ दर्जन रिक्तियों या कुछ हजार पदों के लिए लाखों उम्मीदवार आवेदन करते हैं और परीक्षा देते हैं या साक्षात्कार में शामिल होते हैं। सीएमआईई के आंकड़ अनुसार देश मे बेरोजगारी दर 9.2 प्रतिशत है, जो भारतीय इतिहास मे पहली बार है।

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कहा इस बजट में किसानों के लिए MSP (एमएसपी) की गारंटी या खाद में सब्सिडी जैसा कुछ नहीं है। वहीं रेलवे में इतनी घटनाएं हो रही हैं, लेकिन रेलवे सुरक्षा, रेलवे भर्ती जैसी जरूरी चीजों की बात नहीं की गई। भाजपा मोदी सरकार ने रेलवे का बजट बहुत कमजोर बनाया है।

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कहा कि, शिक्षा विशेष रूप से स्कूली शिक्षा व्यापक है लेकिन खराब गुणवत्ता वाली है। लगभग आधे बच्चे किसी भी भाषा में सरल पाठ पढ़ने या लिखने में असमर्थ हैं और संख्यात्मक रूप से चुनौतीपूर्ण हैं। वे किसी भी कुशल नौकरी के लिए उपयुक्त नहीं हैं। केंद्र सरकार को राज्यों को इन मूलभूत समस्याओं का समाधान करना चाहिए और मदद करनी चाहिए।

शिक्षा से संबंधित एनईईटी और घोटालों से ग्रस्त राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी है। कई राज्यों ने मांग की है कि एनईईटी को खत्म कर दिया जाना चाहिए और राज्यों को चिकित्सा शिक्षा में विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए उम्मीदवारों के चयन के अपने तरीके अपनाने के लिए स्वतंत्र होना चाहिए।

JOIN OUR WHATS APP GROUP

डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *