DPI Merged School Buildings : स्कूलों के युक्तियुक्तकरण पर डीपीआइ सख्त, मर्ज शाला भवनों की मांगी जानकारी
DPI Merged School Buildings
प्रदेश में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत जहां एक ओर शिक्षकों का पुनर्विन्यास (DPI Merged School Buildings) किया गया है, वहीं अब विद्यालयों का भी बड़े पैमाने पर पुनर्गठन किया गया है। इसी क्रम में कई समीपस्थ स्कूलों को एकीकृत कर मर्ज किया गया है।
अब लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआइ) ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (डीइओ) को पत्र जारी कर मर्ज किए गए विद्यालय भवनों (DPI Merged School Buildings) का पूरा ब्योरा अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए 20 नवंबर अंतिम तिथि तय की गई है। सभी जिलों को तय समय-सीमा के भीतर जानकारी भेजनी होगी।
युक्तियुक्तकरण के बाद डीपीआइ की बड़ी कार्रवाई
डीपीआइ के पत्र में कहा गया है कि—
सभी जिलों में विद्यालयों का युक्तियुक्तकरण कार्य पूर्ण हो चुका है,
मर्ज हुई संस्थाओं का समीपस्थ विद्यालयों में हस्तांतरण भी कर दिया गया है,
ऐसे में मर्ज किए गए पूर्व विद्यालय भवनों की वर्तमान स्थिति और उपयोग की विस्तृत रिपोर्ट अनिवार्य है।
डीपीआइ ने स्पष्ट किया है कि यह जानकारी राज्य स्तर पर आगे की योजना और संसाधन प्रबंधन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
डीपीआइ ने जिलों से मांगी यह विस्तृत जानकारी
हर जिले को निम्न विवरण तय प्रारूप में भेजना होगा—
जिला एवं विकासखंड का नाम
वह विद्यालय जिसमें अन्य विद्यालयों को मर्ज किया गया है
वर्तमान मूल संस्था का यू-डाइस कोड
युक्तियुक्तकरण के तहत मर्ज विद्यालयों की सूची
(प्राथमिक / पूर्व माध्यमिक / हाई स्कूल / हायर सेकंडरी)
मर्ज किए गए शाला भवन का प्रकार — कच्चा या पक्का
भवन में उपलब्ध कक्षों (कमरों) की संख्या
भवन का वर्तमान उपयोग —
क्या इसे संचालित विद्यालय उपयोग में ले रहा है?
या किसी अन्य संस्था (पंचायत / नगरीय निकाय / अन्य विभाग) को उपयोग के लिए दिया गया है?
डीपीआइ ने स्पष्ट किया है कि अधूरी जानकारी स्वीकार (DPI Merged School Buildings) नहीं की जाएगी। सभी जिला शिक्षा अधिकारी तय तिथि से पहले संपूर्ण विवरण भेजें ताकि राज्य भर के विद्यालय भवनों की वास्तविक स्थिति का आकलन हो सके।
