Raj Bhavan को राजनीति का अखाड़ा ना बनाएं… इस बात पर भिड़ गए नेता प्रतिपक्ष
रायपुर/नवप्रदेश। Raj Bhavan छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने राज्य सरकार को धर्मांतरण के मामलों में कार्रवाई करने कहते हुए पत्र लिखा था। जिस पर कांग्रेस ने सियासी बयानबाजी किया था। अब भाजपा नेता ने उन बयानों पर पलटवार करते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता मंत्री रवींद्र चौबे को आपत्तिजनक शब्द कहे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा, भाजपा की चेतावनी अनसुनी की, एसपी के पत्र पर संज्ञान नहीं लिया और अब राज्यपाल के विरुद्ध विष-वमन कर रही प्रदेश सरकार।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने गुरुवार को जारी किए अपने बयान में कहा है कि आपातकाल थोपकर देश में तानाशाही चलाने वाली कांग्रेस की सोच आज भी वही है। अपने नज़रिए को लेकर एकांगी सोच रखने वाली कांग्रेस के नेता आज भी अपने विरुद्ध उठने वाली असहमति और दी जाने वाली नेक सलाह को लेकर मानसिक असंतुलन से ग्रस्त हो जाती है और सबको दबाने-कुचलने पर आमादा हो जाती है।
कौशिक ने आगे कहा कि जब राज्यपाल ने आदिवासी अंचल के दौरे किए तो सरकार को भय है कि विकास व सुविधाओं के खोखले दावों की पोल कहीं खुल न जाए। इसी कारण प्रदेश सरकार राज्यपाल की सक्रियता पर राजनीतिक आरोप लगाकर राज्यपाल के पत्र का जवाब न देकर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रही है। धर्मांतरण के कुचक्र के विरुद्ध प्रदेश भाजपा ने सरकार को आगाह किया, तो उसे राजनीतिक आरेप बताकर ख़ारिज़ कर दिया।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आपातकाल थोपकर देश में तानाशाही चलाने वाली कांग्रेस की सोच आज भी वही है। अपने नज़रिए को लेकर एकांगी सोच रखने वाली कांग्रेस के नेता आज भी अपने विरुद्ध उठने वाली असहमति और दी जाने वाली नेक सलाह को लेकर मानसिक असंतुलन से ग्रस्त हो जाती है और सबको दबाने-कुचलने पर आमादा हो जाती है।
40% महिला आरक्षण की बात को महज डींग मारना
नेता प्रतिपक्ष ने हैरत जताई कि इस मुद्दे पर प्रदेश की संवैधानिक प्रमुख राज्यपाल (Raj Bhavan) सुश्री उईके द्वारा धर्मांतरण को लेकर विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संगठनों से मिल रहीं शिकायतों के आधार प्रदेश सरकार को पत्र लिखे जाने के बाद प्रदेश सरकार और कांग्रेस राज्यपाल पद की गरिमा को ताक पर रखकर उनके विरुद्ध भी अनर्गल बयानबाजी करके विष-वमन करने पर उतारू हो गई है। उन्होंने कहा कि एक तरफ कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा उत्तरप्रदेश में 40 फीसदी महिलाओं को विधानसभा चुनाव के लिए टिकट देने की डींगें हांक रही हैं, जबकि दूसरी ओर छत्तीसगढ़ में उनकी पार्टी और प्रदेश सरकार महिला राज्यपाल का खुला अपमान कर रही है।