संपादकीय: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की ऐतिहासिक जीत
Donald Trump’s historic victory in America: अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड टं्रप ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर ली है। रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी के रूप में उन्होंने 277 इलेक्टोरल वोट हासिल कर रिपब्लिकन उम्मीदवार कमला हैरिस को पराजित कर दिया।
चार साल के अंतराल के बाद एक बार फिर डोनाल्ड टं्रप ने सत्ता में वापसी कर अमेरिका के 132 साल पुराने रिकॉर्ड की बराबरी कर ली और इस तरह वे चार साल बाद दोबारा राष्ट्रपति बनने वाले अमेरिका के दूसरे राष्ट्रपति बन गए हैं। इसी के साथ ही अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति होने का खिताब भी अपने नाम कर लिया है।
गौरतलब है कि 2016 में डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेटिक प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन को पराजित कर अमेरिका की बागडोर संभाली थी। अपने चार साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद उन्होंने 2020 में भी राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा था। लेकिन वे जो बाइडन के हाथों पराजित हो गए।
उनकी इस हार को उनके समर्थक पचा नहीं पाए थे और अमेरिका में दंगा फसाद हो गया था। उस समय डोनाल्ड ट्रंप पर अपने समर्थकों को भड़काने के आरोप लगे थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उन्हें राहत दे दी थी। इसके बाद वे जो बाइडन सरकार के निशाने पर आ गए थे।
अमेरिका का पूरा इको सिस्टम उनके पीछे हाथ धोकर पड़ गया था। डोनाल्ड ट्रंप को सोशल मीडिया प्लेटफार्म से बाहर किया गया और उनके बिजनेस की राह में भी अवरोध पैदा किए गए विभिन्न मामलों में भी उन्हें लपेटा गया लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने हार नहीं मानी और राजनीति में सक्रिय रहे।
2024 के राष्ट्रपति चुनाव में जब डोनाल्ड ट्रंप को रिपब्लिकन पार्टी ने फिर से अपना प्रत्याशी बनाया तो उन्हें चुनाव लडऩे से रोकने के लिए चुनाव प्रचार के दौरान उन पर तीन बार हमले की कोशिश की गई।
ऐसे ही एक हमले में वे बाल बाल बचे थे। इसके बाद भी उनकी हिम्मत नहीं टूूटी और वे पूरे जोशों खरोश के साथ चुनाव प्रचार अभियान में जुटे रहे। डोनाल्ड ट्रंप के लिए यह सबसे मुश्किल चुनाव था। क्योंकि उन्हें रोकने की हर संभव कोशिश की गई थी। दुनिया भर में सरकारों को डांवाडोल करने में माहिर धन कुबेर जार्ज सोरोस ने भी डोनाल्ड टं्रप को हराने के लिए अपना खजाना खोल दिया था।
इन तमाम विपरित परिस्थितियों के बीच दृढ़़ इच्छा शक्ति का परिचय देते हुए डोनाल्ड ट्रंप मैदान में डटे रहे और आखिरकार शानदार जीत दर्ज कर एक नया इतिहास रचने में सफल हो गए।
निश्चित रूप से डोनाल्ड ट्रंप की यह जीत एक युगांतरकारी घटना है। डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर भारत में भी हर्ष देखा जा रहा है। गौरतलब है कि जब डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति थे तब भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनकी मित्रता प्रगाढ़ हो गई थी। भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को नया आयाम मिला था।
यही वजह है कि डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर भारतीय पीएम नरेन्द्र मोदी ने यह टवीट् किया है कि मेरे दोस्त ट्रंप को ऐतिहासिक जीत पर बधाई। पीएम मोदी ने कहा है कि ट्रंप की जीत से वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए हम साथ मिलकर काम करेगें। डोनाल्ड ट्रंप की इस जीत में अमेरिका में बसे भारतीयों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
चुनाव प्रचार के दौरान ही डोनाल्ड ट्रंप ने बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा को लेकर यह टिप्पणी की थी कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद वे हिन्दुओं के हितों की रक्षा में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे। उनकी इस एक घोषणा से ही अमेरिका के भारतीय वोटरों ने उन्हें जमकर वोट दे दिया।
जबकि उनके खिलाफ चुनाव लड़ रही कमला हैरिस भारतीय मूल की हैं। इसके बावजूद भारतीयों ने डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन किया। इस बार के चुनाव में अमेरिका में भारतीय मूल के छह और सांसद चुने गए हैं।
यही नहीं बल्कि अमेरिका के उपराष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी ने जिस जेडी वांंस को अपना उम्मीदवार बनाया है। जिनकी जीत सुनिश्चित है। उनकी धर्मपत्नी उषा भी भारतीय मूल की है। जाहिर है डोनाल्ड टं्रप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका और भारत के बीच संबंध और मजबूत होंगे।
दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड टं्रप और भारतीय प्रधानमंत्री दोनों में काफी समानताएं हैं। दोनों ही प्रखर राष्ट्रवादी नेता हैं। और मोदी की तरह ही ट्रंप भी आतंकवाद का खुलकर विरोध करते हैं। जहां पीएम मोदी के लिए नेशन फस्र्ट है। वहीं डोनाल्ड ट्रंप के लिए अमेरिका पहले है।
इन दोनों नेताओं के विचार इतने मिलते जुलते हैं कि दोनों के बीच संबंध अब और गहरे होंगे और इसका पूरे विश्व की राजनीति पर असर पड़ेगा। अमेरिका और भारत के बीच आर्थिक संबंध भी बेहतर होंगे। डोनाल्ड ट्रंप भी बड़े व्यापारी हैं और नरेन्द्र मोदी भी व्यापार करना बहुत अच्छी तरह से जानते हैं।
भारत के लिए डोनाल्ड ट्रंप की जीत इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि अब कनाडा की नाक में नकेल कसने में भारत को आसानी होगी। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन की सह मिली हुई थी। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप इस मुद्दे पर भारत के साथ मजबूती से खड़े हो सकते हैं।
बांग्लादेश में भी शेख हसीना सरकार का तख्तापलट जो बाइडन के इशारे पर ही हुआ था और इसके बाद से वहां हिन्दुओं को निशाना बनाया जा रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही कह दिया है कि वे बांग्लादेश में हिन्दुओं की रक्षा करेगें। इसका मतलब साफ है कि बांग्लादेश में भी हालात बदल सकते हैं। कुल मिलाकर डोनाल्ड ट्रंप की जीत भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।