DMF fund: डीएमएफ फंड का ऐसे हो रहा दुरूपयोग, बंद आश्रमों में लगे करोड़ों के…विभाग को जानकारी ही नहीं...

DMF fund: डीएमएफ फंड का ऐसे हो रहा दुरूपयोग, बंद आश्रमों में लगे करोड़ों के…विभाग को जानकारी ही नहीं…

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DMF Fund

DMF Fund: जिलेभर के बन्द आश्रमों में करोड़ो की लगाई सौर्य लाइट
-जिलेभर के 88 आश्रमों सौर्य ऊर्जा स्ट्रीट लाइट लगवाया गया
-जहाँ जरूरत नहीं उन आश्रमो में गुणवत्ताविहीन लाइट लगवाई

पंकज सिंह
दंतेवाड़ा/नवप्रदेश। डीएमएफ मद (DMF fund) दंतेवाड़ा जिले के खनिज अयस्क क्षेत्रो से खनन के बदले एनएमडीसी द्वारा क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य और स्कील डेव्लपमेंट में पर खर्च करनी वही महत्वपूर्ण योजना है। मगर क्या वाकई में इस राशि का खर्च बिलकुल ठीक जगह किया जा रहा है। या फिर योजनाओं का दोहन विभागों द्वारा बनाई गई योजनाओं में हो रहा है।

ग्राउंड जीरो की तस्वीरें देखने से आपको इस मद से खर्च राशि (DMF Fund) और उससे इतर विकास की उल्टे चश्मे लगाये तस्वीर नजऱ आ जायेगी। दंतेवाड़ा में आदिम जाति विकास विभाग के लगभग 145 आश्रम जिलेभर में संचलित जिनमें से 88 संस्थाओं में इस तरह का कार्य किया गया है। सभी आश्रमो में पहले से ही पर्याप्त बिजली की सप्लाई है। उसके बाद भी कोविड काल में जब आश्रम में बच्चे नहीं है। उस दौरान भी विभाग की योजनाओं को सौर्य ऊर्जा स्ट्रीट लाइट के नाम से दंतेवाड़ा के जिलेभर में चलाया गया है।

आश्रमों में पर्याप्त बिजली व्यवस्था होने बावजूद सौर्य ऊर्जा स्ट्रीट लाइट के नाम से आश्रम के आहतों के नजदीक 4 खम्बे, 6 खम्बे लगवा दिये गये है। खम्बों पर बकायदा बोर्ड भी लगा हुआ है। जिसमें 35200/- रुपये प्रशासकीय स्वीकृति दर्ज कर कार्य एजेंसी का नाम सहायक आयुक्त और डीएमएफ फंड का उल्लेख किया गया है।

महत्वपूर्ण बात यह है कि जिन आश्रमों में बिजली की सप्लाई है। तो वहाँ इस तरह के सौर्य ऊर्जा स्ट्रीट लाइट की आखिर सहायक आयुक्त विभाग को क्या जरूरत पड़ गयी। जानकारी के लिये यह भी बता दे कि सौर्य ऊर्जा लाइट की गुणवत्ता इतनी घटिया है. कि अभी लगाये वर्ष भी नही बीता और दर्जनों आश्रमो में लाइट बंद पड़ी है।

इस तरह के कार्यो से आप सहजता से अंदाजा लगा सकते हैं। कि किस तरह से महत्वपूर्ण डीएमएफ मद की राशि का दुरुपयोग सहायक आयुक्त विभाग द्वारा जिले में किया जा रहा है। जिले भर के आश्रमो को अगर प्रतिनग लगे खम्बे की राशि से गुणित अनुपात में रखेंगे। तो करोड़ो रूपये की योजना के फायदे कम और दुरुपयोग अधिक नजऱ आ जायेगा।

विभाग क्या कहता है इसे भी सुनिये

-आंनद सिंह सहायक आयुक्त दंतेवाड़ा से जब हमने चर्चा कि तो उन्होंने साफतौर पर कह दिया कि मेरे कार्यकाल में काम नही हुआ है। बाबुओं से फाइल निकलवाकर देखना पड़ेगा।

तो वही आश्रम बुरगुम अधीक्षक केसी नाग से भी हमने बात की तो उन्हें यह भी नहीं पता है कि आखिर कौन किसके कहने से और क्यो इस तरह के लाइट खंबे लगवाये गये है।

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