दिव्यांग पति-पत्नी ने देश के लिए जीते मेडल, लेकिन अब आजीविका चलाने नहीं है पैसे
चंढ़ीगढ़। Divyang husband and wife won medals for the country: देश के लिए अब तक जितने भी पदक जीते हैं, उसके लिए हमें कोई पैसा नहीं मिला, न ही हमें कोई नौकरी मिली। इसलिए अब दिव्यांग पति-पत्नी ने मांग की है कि हमें जल्द से जल्द नौकरी दी जाए ताकि हमें अपनी आजीविका कमाने के लिए किसी और के सामने हाथ न फैलाना पड़े।
व्हील चेयर दंपति ने कहा कि बिना किसी मदद के हम देश की प्रतिष्ठा बढ़ाई है। ऐसे में अगर सरकार हमारी मदद नहीं करेगी तो हम क्या करेंगे। उन्होंने कहा कि आम लोग हमारी मदद के लिए आगे आ रहे हैं, लेकिन पिछली सरकार ने हमारी कोई मदद नहीं की और मौजूदा सरकार भी कोई मदद नहीं कर रही है।
यह जोड़ा उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो विकलांग हैं और चल नहीं सकते। जोड़े ने युवाओं से कभी हार न मानने की अपील की। दिव्यांग बच्चों को खेल और पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए। क्योंकि भारत का विकास तभी होगा जब भारत के बच्चे पढ़ेंगे।
उन्होंने विशेषकर दिव्यांग युवाओं से अपील की कि वे किसी पर निर्भर न रहें, कड़ी मेहनत करें और हमारी तरह सफल हों। दंपत्ति ने आगे कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचने में कई मुश्किलें आईं। लेकिन हम दोनों आज इस मुकाम तक पहुंचने के लिए हर चुनौती पर डटे रहे। हालाँकि खेल प्रतियोगिता के लिए देश से बाहर जाना पड़ता था, लेकिन ये सारा खर्च शहर के कुछ उद्योगपति उठाते थे। इसके लिए कपल ने उन्हें धन्यवाद भी दिया।
यह जोड़ी पिछली सरकार से नाराज है। मौजूदा सरकार से भी मदद की उम्मीद है। दंपत्ति ने कहा कि अगर सरकार हमारी मदद करेगी तो हम बेहतर खेल सकेंगे और टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीतकर पंजाब का नाम रोशन करेंगे।