Digital Arrest Scam : डिजिटल गिरफ्तारी का साइबर चक्रव्यूह…दुबई लिंक से 1500 करोड़ की ठगी का भंडाफोड़…

कोलकाता, 3 जून। Digital Arrest Scam : डिजिटल गिरफ्तारी के नाम पर भारत में अब तक की सबसे बड़ी साइबर ठगी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 1500 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप पत्र कोलकाता की विशेष अदालत में दाखिल किया (Digital Arrest Scam)है। इस हाई-प्रोफाइल घोटाले में चिराग कपूर और योगेश दुआ नामक दो मास्टरमाइंड सामने आए हैं, जिनकी गिरफ्तारी के साथ ही एक अंतरराष्ट्रीय फर्जीवाड़े की परतें खुलने लगी हैं।
ईडी की जांच के अनुसार, इस गैंग ने डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर सैकड़ों लोगों से पैसा ऐंठा। पीड़ितों को इंटरपोल, सीबीआई या अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के नाम पर डराया जाता था और कहा जाता था कि उनके नाम से मनी लॉन्ड्रिंग की गई है — और बचने के लिए “डिजिटल बेल” के नाम पर पैसा देना होगा।
दुबई से जुड़ा है नेटवर्क:
ईडी की रिपोर्ट में दुबई कनेक्शन चौंकाने वाला (Digital Arrest Scam)है। भारत से सैकड़ों सिम कार्ड, दस्तावेज और फर्जी कंपनियों के जरिए अंतरराष्ट्रीय रोमिंग पर एक्टिवेट कर उन्हें दुबई भेजा गया। वहाँ से पीड़ितों को कॉल कर धमकाया जाता था।
जांच में मिला भारी डेटा:
300 बैंक खातों की पहचान
1500 करोड़ का ट्रांजेक्शन
104 पासबुक
61 मोबाइल
140 सिम कार्ड
10 करोड़ की संपत्ति जब्त
पुलिस का खुलासा:
कोलकाता पुलिस की जांच एक महिला की शिकायत से शुरू (Digital Arrest Scam)हुई, जिसने 47 लाख रुपये इस जाल में गंवा दिए। यही केस आगे बढ़ते हुए ईडी तक पहुंचा।
इस गिरोह ने तकनीक को हथियार बनाकर ऐसा साइबर जाल बुना कि लोग खुद को वाकई अपराधी मानकर रकम ट्रांसफर करने लगे। ईडी का कहना है कि गिरोह अब तक कई राज्यों और विदेशों में फैला हुआ है।