Different News : जिसे मृत मानकर भेजा था पोस्टमार्टम के लिए..उसकी जिंदगी से जंग आज भी है जारी...पढ़ें

Different News : जिसे मृत मानकर भेजा था पोस्टमार्टम के लिए..उसकी जिंदगी से जंग आज भी है जारी…पढ़ें

Different News: The one who was sent for post-mortem as dead.. The battle with his life is still going on... read

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रामानुजगंज/पीयूष गुप्ता/नवप्रदेश। Different News : आज से 9 वर्ष पूर्व सड़क दुर्घटना में 7 लोग मर गए थे। सभी को पोस्टमार्टम के लिए अंबिकापुर ले जाया गया था। उन्हीं लाशों के बीच में एक युवती को भी ले जाया गया था जिसे सभी ने मृत माना था परंतु जब पोस्टमार्टम के लिए डॉक्टरों ने बारी-बारी से शवों का पोस्टमार्टम करना शुरू किया तो पता चला कि युवती के शरीर में अभी भी जान है। जिसके बाद आनन-फानन में तत्काल उसे चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई गई। वही स्थिति गंभीर देखते हुए रायपुर रेफर किया गया। 8 वर्षों से जीवन एवं मौत से संघर्ष करने के बाद वह युवती अब भी अपने भविष्य को संवारने के लिए संघर्षरत है। बेशक राह में रोड़े बहुत हैं लेकिन हिम्मत नहीं हारी है।

2012 में हुआ था बस हादसा

यह संघर्ष की कहानी (Different News) है लाल मुनि यादव की जो ग्राम नवाडीह की है जब 17 वर्ष की थी तो दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद अपने भविष्य को सपना को संजोकर अंबिकापुर से बलरामपुर रोजगार कार्यालय में पंजीयन कराने के लिए 2012 में आ रही थी। इसी दौरान बस हादसा हुआ जिसमें 7 लोगों की मौत हो गई थी।

लालमुनी यादव को भी लोगों ने मरा हुआ समझकर शव वाहन से अंबिकापुर शव के पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था परंतु विधाता को कुछ और मंजूर था। जब पोस्टमार्टम के लिए शव डॉक्टरों के पास ले जाया गया तो पता चला कि लाल मुनी में सांस अभी तक बाकी है। जिसके बाद तत्काल उसे चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई गई फिर रायपुर भेजा गया, जहां उसका लंबा इलाज चला। तब से लेकर आज तक लाल मुनी जीवन एवं मौत से संघर्ष ही कर रही है लेकिन अब भी अपने सुनहरे भविष्य को संवारने में लगी है।

2015 में काटना पड़ा पैर

लालमुनी यादव का दुर्घटना में पैर बुरी तरीके से जख्मी हो गया था। शरीर के अन्य स्थानों पर गंभीर चोट लगी थी परंतु पैर की स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होते गई अंतत: 2015 में पैर काटना पड़ा। वहीं 2020 में जयपुर में नकली पैर लगा।

9 वर्षों के बाद फिर से प्रारंभ की पढ़ाई

लाल मुनी यादव ने 2011 में 10वीं की परीक्षा रामानुजगंज से दी थी जिसके बाद 2012 में दुर्घटना में घायल हो गई। इसके बाद 8 वर्षों तक पढ़ाई बाधित रही लेकिन फि र से हौसला के साथ लाल मुनी यादव ने 2021 में 12वीं की परीक्षा 67 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की।

बचपन में उठ गया था मां का साया, बुजुर्ग पिता भी है अशक्त

लाल मुनी यादव की मां की मृत्यु बहुत पहले हो चुकी थी वही पिता भी अब असक्त हो गए हैं। ऐसे में पूरे परिवार की जिम्मेवारी अब लाल मुनि के कंधों पर ही है जिसे मदद की दरकार है। 8 वर्षों तक इलाज के दौरान घर का पैसा भी खत्म हो चुका है।

3 वर्षों तक रही बिस्तर पर

लालमुनी यादव (Different News) का दुर्घटना होने के बाद 3 वर्षों तक वह बिस्तर पर ही रही परंतु वह हिम्मत नहीं हारी इस दौरान पैर भी कटा कई प्रकार की परेशानियां भी आई परंतु हार नहीं मानी और आज भी जिंदगी से जंग जारी है।

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