डेंगू रोग से बचने, सावधानी बरतने मुख्य चिकित्साधिकारी ने की अपील
- एडीस मच्छर के काटने से होता है डेंगू
धमतरी । बारिश होते ही जलजनित संक्रामक रोग जैसे उल्टी दस्त आंत्रशोथ, पीलिया एवं वेक्टर जनित रोग जैसे डेंगू-मलेरिया आदि होने की संभावना बढ़ जाती है, इससे बचाव के लिए जन सामान्य को आवश्यक सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.डी.के.तुर्रे ने बताया कि डेंगू वेक्टर जनित रोग है जिसमें लक्षित जनसंख्या समूह में व्यापक व्यवहार परिवर्तन गतिविधियों के माध्यम से जागरुकता विकसित कर डेंगू के दंश से बचा जा सकता है, जो कि संक्रमित मादा एडीस म़च्छर के काटने से, स्वस्थ्य व्यक्ति के शरीर में वायरस प्रवेश कर रोग संक्रमण उत्पन्न करता है। मादा एडीस मच्छर उक्त वायरस का वाहक है जो कि घर में तथा घर के आसपास जमा हुआ साफ पानी में पनपता है। यह मच्छर दिन में ही काटता हैं। संक्रमित एडीस मच्छर के अंडे भी संक्रमित होते हैं। पानी के संपर्क में आने पर यह अंडा विकसित होकर संक्रमित होते हैं। इन मच्छरों का असर उन व्यक्तियों पर अधिक होता है जिनका इम्यून सिस्टम (रोग प्रतिरोधक क्षमता) कमजोर होती है।
उल्लेखनीय है कि डेंगू, मलेरिया के रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु कलेक्टर की अध्यक्षता में अंतर्विभागीय समन्वय बैठक गत 24 अप्रैल को आहूत की गई थी जिसमें संबंधित विभागों का डेंगू/मलेरिया की रोकथाम के लिए दायित्व दिये गये हैं। विभाग ने उच्च जोखिम चिन्हांकित प्रक्षेत्र -रिसगांव, खल्लारी, दुगली, जबर्रा भैंसामुड़ा, सिंगपुर अकलाडोंगरी में भ्रमण कर विभागीय तैयारी कर ली है। जहां पर डेंगू/मलेरिया के नियंत्रण हेतु टेमिफॉस का छिड़काव एवं हेचरी में गंबुजिया मछली उत्पादन मत्स्य पालन विभाग से समन्वय कर किया जा रहा है। इसी तरह जिले के तीन विकासखंडों (नगरी, धमतरी, मगरलोड) में आईआरएस प्रथम चक्र में 126 गांवो में डीडीटी स्प्रे का छिड़काव किया जा रहा है। अद्यतन 122 गांवों में 95 प्रतिशत जनसंख्या कवर करते हुए स्प्रे हो चुका है। दूसरे चरण में एक जुलाई से प्रारंभ होगी। पूर्व में मलेरिया माह जून में महिला आरोग्य समिति/मितानिनों द्वारा नुक्कड़ नाटक, नारे-लेखन, जले आयल को नालियों में डालने की गतिविधियां, डोर-टू-डोर भ्रमण के दौरान घरों में नाली, टायरों में जमा पानी के साफ-सफाई अभियान चलाया गया। जिले में 149209 मच्छरदानी वितरण की जा चुकी है जिससे 65053 परिवार लाभान्वित हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की नि:शुल्क स्वास्थ्य परामर्श टोल फ्री नम्बर 104 पर डॉयल कर स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकारी ली जा सकती है।
डेंगू के लक्षण:- अचानक तेज सिर दर्द व तेज बुखार, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना, आंखों के पीछे दर्द होना जो कि आंखो को घुमाने से बढ़ता है, जी मिचलना एवं उल्टी होना, गंभीर मामलों में नाक, मुंह, मसूड़ों से खून आना, त्वचा पर चकत्ते उभरना।
डेंगू से बचाव के उपाय:- कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन, फूलदान इत्यादि को प्रति सप्ताह खाली करे व धूप में सुखाकर प्रयोग करें। नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन व टायरों मे पानी जमा न होने दे। घरों के दरवाजो व खिड़कियों में जाली/परदे लगाएं।
प्रयोगशाला जांच:- डेंगू शंकास्पद मरीज की पुष्टि हेतु राज्य में 7 सेंटिनल साईट चिकित्सालय पं. जे.एन.एम. मेडिकल कालेज रायपुर, स्व. बलिराम कश्यप स्मृति मेडिकल कालेज जगदलपुर, मेडिकल कालेज अंबिकापुर, शासकीय मेडिकल कालेज राजनांदगांव, स्व. लखीराम अग्रवाल स्मृति मेडिकल कालेज रायगढ़ जिला चिकित्सालय कोरबा एवं जिला चिकित्सालय बिलासपुर को चिन्हांकन किया गया है।