दिल्ली हिंसा : जज के ट्रांसफर पर गरमाई सियासत, कांग्रेस ने केंद्र से पूछे ये तीन सवाल
नई दिल्ली ए.। दिल्ली हिंसा (delhi violence judge transfer) को लेकर हुई सुनवाई के दौरान पुलिस और सॉलिसिटर जनरल से तीखे सवाल करने वाले जस्टिस मुरलीधर के ट्रांसफर अब राजनीति तेज हो गई है (judge transfer get political colour) । विपक्ष इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर आक्रामक हो गया है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार से तीन सवाल पूछे हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (randip surjewala) ने कहा, ‘मोदी और अमित शाह जी तीन सवाल देश आपसे पूछता है- क्या सरकार को डर था कि भाजपा नेताओं की स्वतंत्र जांच हो जाएगी तो दिल्ली के आतंक, हिंसा और ‘षड्यंत्र’ का पर्दाफाश हो जाएगा। न्याय को रोकने के लिए आप और कितने जज का ट्रांसफर करेंगे।
दिल्ली हिंसा (delhi violence judge transfer) को लेकर सुरजेवाला (randip surjewala) ने आगे कहा कि आपके पास अपने नेताओं के बचाव का कोई और तरीका नहीं था जिसकी वजह से आपने जज का ट्रांसफर कर दिया।’ दूसरी ओर भाजपा ने भी कांग्रेस पर पलटवार करते रूटीन ट्रांसफर को राजनीतिक रंग (judge transfer get political colour) देने का आरोप लगाया है।
बहादुर जज लोया को याद करता हूं : राहुल
कांग्रेस पार्टी की तरफ से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने दिल्ली हिंसा और जज ट्रांसफर पर केंद्र पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा, ‘दिल्ली में हुई हिंसा परेशान करनेवाली है और इसकी निंदा की जानी चाहिए। शांतिपूर्ण प्रदर्शन लोकतंत्र का हिस्सा हैं, लेकिन हिंसा को किसी तरह सही नहीं ठहराया जा सकता। मैं दिल्लीवालों से संयम बरतने और समझदारी दिखाने की अपील करता हूं, चाहे कितना ही क्यों नहीं उकसाया जाए। बहादुर जज लोया को याद करता हूं, जिनका ट्रांसफर नहीं हुआ था।Ó
ट्रांसफर दुख देने वाला : प्रियंका
प्रियंका गांधी ने लिखा, ‘आधी रात को जज मुरलीधर का ट्रांसफर वर्तमान वक्त में हैरान करनेवाला नहीं बल्कि दुख देनेवाला और शर्मनाक है। करोड़ों भारतीयों का न्याय व्यवस्था पर भरोसा है। यह सरकार न्याय में बाधा डाल रही है, लोगों का न्याय व्यवस्था से भरोसा उठा रही है जो दुखद है।’
अब तक 35 मृत, सोनिया के नेतृत्व में कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल मिला राष्ट्रपति से
दिल्ली हिंसा में अब तक &5 लोगों की जान गई हैं। घायलों की तादाद 200 के पार है। इस बीच हिंसा को लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति को सौंपकर ज्ञापन सौंपा। इस दौरान सोनिया गांधी ने कहा कि गृहमंत्री और पुलिस हिंसा रोकने में नाकाम रहे। हिंसा में करोड़ों की संपत्ति और लोगों के अपनों का नुकसान हुआ। उम्मीद है कि राष्ट्रपति जरूरी कदम उठाएंगे। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि दिल्ली हिंसा सरकार की नाकामी है। राष्ट्रपति राष्ट्रधर्म की रक्षा करें।