संपादकीय: अग्निवीरों को आरक्षण देने का फैसला स्वागतेय
reservation to firefighters: केन्द्र सरकार ने अग्निवीरों को केन्द्रीय सुरक्षाबलों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का जो फैसला किया है वह स्वागतेय है। गौरतलब है कि अग्निवीरों को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमले करता रहा है और अग्निवीर योजना को अनुचित बताता रहा है।
18 वीं लोकसभा के पहले सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अग्निवीर योजना की जमकर मुखालफत की थी। और उन्होंने तो यहां तक घोषणा कर दी थी कि जब भी आईएनडीआईए की सरकार बनेगी तो अग्निवीर योजना को खत्म कर दिया जाएगा।
पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भी अग्निवीर योजना को लेकर लगातार सरकार पर निशाना साधा था। ऐसा माना जा रहा है कि इस अग्निवीर (reservation to firefighters) योजना के कारण ही भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा है। बहरहाल अब केन्द्र सरकार ने अग्निवीर योजना को लेकर युवाओं में फैली भ्रांति को दूर करने की दिशा में सार्थक पहल करना शुरू कर दिया है।
इसी के तहत अब केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर पूर्व अग्निवीरों को बीएसएफ,एसएफ और सीआईएसएफ जैसे पैरा मिलिट्री में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का ऐलान कर दिया है। इसके लिए पूर्व अग्निवीरों को आयु सीमा में भी छूट दी जाएगी।
पहले बैच में पांच साल तक और फिर उसके अगले बैच में तीन साल तक की छूट दी जाएगी। निश्चित रूप से पूर्व अग्निवीरों को केन्द्रीय सुरक्षा बलों में आरक्षण मिलने से उन्हें पांच साल की सेवा के बाद स्थायी सेवा का अवसर मिलेगा। अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण भले ही कम लगता हो लेकिन उन्हें अर्धसैनिक बलों में सेवा का अवसर तो मिलेगा ही।
सरकार को चाहिए की ज्यादा से ज्यादा अग्निवीरों को विभिन्न प्रदेशों के पुलिस विभाग में भी इसी तरह प्राथमिकता दी जाए। और हो सके तो इस बारे में सभी राज्य सरकारों को निर्देशित किया जाए कि वे पुलिसभर्ती में भी पूर्व अग्निवीरों को 10 प्रतिशत तक आरक्षण दे और उन्हें भी आयु सीमा में छूट प्रदान करें।
इसी तरह अन्य शासकीय सेवाओं में भी प्रशिक्षित अग्निवीरों (reservation to firefighters) को प्राथमिकता दी जा सकती है। इस बारे में भी सरकार को भी गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए। ताकि पूर्व अग्निवीरों को ज्यादा -ज्यादा से अवसर मिल सके।