संपादकीय: शेख हसीना को सजा-ए-मौत

Death sentence to Sheikh Hasina

Death sentence to Sheikh Hasina


Editorial: बांग्लादेश की पूर्व प्रधामंत्री शेख हसीना को बांग्लादेश की ट्रीब्यूनल कोर्ट में छात्र आंदोलन के दौरान हत्या के मामले में अपराधी करार देते हुए उन्हें मौत की सजा सुना दी है। इसके बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत से मांग की है कि वह 2003 में हुई प्रत्यर्पण संधि का पालन करे और शेख हसीना को बांग्लादेश के हवाले करे। गौरतलब है कि बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट होने के बाद से शेख हसीना पिछले सवा साल से भारत में शरण लिए हुए है।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत से उनके प्रत्यर्पण की मांग की है तो इस पर भारत सरकार ने सधी हुई प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि एक पड़ौसी देश के रूप में भारत बांग्लादेश के लोगों के सर्वोत्तम हितों के लिए कटिबद्ध है ताकि बांग्लादेश में शांति और स्थिरता बनी रहे। प्रत्यर्पण के बारे में भारत सरकार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। उल्लेखनीय है कि भारत और बांग्लादेश के बीच जो प्रत्यर्पण संधि हुई है उसके अनुच्छेद 6 के अनुसार यदि आरोप राजनीति प्रेरित हैं तो प्रत्यर्पण से मना किया जा सकता है।

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद इसपर कड़ी टिप्पणी की है और कहा है कि ट्रीब्यूनल कोर्ट का यह फैसला पक्षपातपूर्ण, मनगढंत और राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से प्रेरित है। यह फैसला एक अलोकतांत्रिक और पूरी तरह से अवैध अंतरिम सरकार की राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। मुझे इस मामले में सुनवाई और बचाव का कोई अवसर नहीं दिया गया। न ही मुझे अपना पक्ष रखने के लिए वकील रखने का मौका मिला। शेख हसीना ने कहा है कि वे अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में मुकदमे का सामने किये जाने के लिए तैयार है।

शेख हसीना के इस बयान के आधार पर भारत शायद ही उन्हें बांग्लादेश को सौंपे। वैसे भी उन्हें सजा-ए-मौत की सजा बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दी है। बल्कि यह ट्रीब्यूनल कोर्ट का फैसला है जिसके खिलाफ शेख हसीना के पास अभी सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती देने का विकल्प खुला हुआ है। उधर बांग्लादेश में शेख हसीना के समर्थन में उनकी पार्टी आवामी लीग ने आंदोलन छेड़ दिया है। जिसे कुचलने के लिए वहां की अंतरिम सरकार ने बल प्रयोग शुरू किया है। जिससे वह आंदोलन और उग्र हो रहा है। ऐसे में बांग्लादेश में एक बार फिर अराजकता का माहौल निर्मित होने की पूरी संभावना है और वहां के हालात बेकाबू हो सकते हैं। देखना होगा कि शेख हसीना को सुनाई गई मौत की सजा के बाद वहां हो रहे उग्र प्रदर्शन के बाद बांग्लादेश में कैसे हालात बनते हैं।