दंतेश्वरी फाइटर और डीआरजी जवान जंगलो में नक्सलियों को दे रहे हैं ऐसे चुनौती…..
Danteshwari Fighter and DRG:उफऩती नदी नालों को पार कर ऑपरेशन को दे रहे हैं अंजाम
दंतेवाड़ा/नवप्रदेश। Danteshwari Fighter and DRG:बस्तर के दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी फाइटर महिला कमांडो और डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिज़र्व गार्ड) जवानों की टोली है,जो बरसात में थमने का नाम नही ले रहे है। इनका हौसला इतना बुलंद है कि ये नक्सलवाद की छाती में चढ़कर नक्सलवाद खात्मा करके ही दम लेगी। इसके लिये ये उफऩती नदी-नालों को पार कर हर खतरे को गले लगाने तैयार है। डीआरजी जवान और दंतेश्वरी महिला कमांडो एक दूसरे के हाथ पकड़े नक्सलियों के कोर इलाके में स्थित मलांगीर नदी को चीरकर ऑपरेशन मानसून चला रही है।
दरअसल बारिश के मौसम में नक्सली नदियों के पार बसे गांवों को अपना सुरक्षित ठिकाना समझते है और आराम से गावों में रुककर बरसात के मौसम में नक्सल गतिविधियों को अंजाम देते है। मगर इस बार दंतेश्वरी फाइटर की महिला कमांडो और डीआरजी जवानों ने लगातार इन इलाकों में गश्त कर उन्ही के गढ़ में मुठभेड़ भी कर रही है। इस ऑपरेशन (Danteshwari Fighter and DRG) में कई नक्सली स्मारकों को ध्वस्त किया गया है तो वहीं दुर्दांत नक्सलियों को गिरफ्तार करने में ये टीम सफल भी हुई है।
ऑपरेशन के लिए तैयार ये जवान
डीआरजी और दंतेश्वरी महिला कमांडो के जवानों का कहना है कि मानसून सीजन में भी हमने लगातार नक्सलियों के खि़लाफ़ ऑपरेशन चालू रखा है। लगातार बारिश के कारण नदियों नालों में जलस्तर बढ़ गया है। इसके बावजूद हमारी महिला डीआरजी और पुरुष डीआरजी (Danteshwari Fighter and DRG) नदी नालों को पार करते हुए नक्सली इलाको में ऑपरेशन कर रही है। नदी नालों को पार करने के लिए इन्हे स्पेशल ट्रेनिंग के साथ ही स्पेशल जूते, रैनकोर्ट, छतरी और स्पेशल दवाईयों का कीट भी दिया गया है। बारिश के समय बिजली गिरने से कैसे बचना है यह भी जवानों को सिखाया गया है।
सकते में है नक्सली
फोर्स पिछले 10 दिनों से लगातार अंदुरुनी क्षेत्रों में नक्सलियों के खिलाफ मानसून ऑपरेशन चला रही है, जिसके चलते इन इलाकों में नक्सली मूवमेंट कम हुई है। मलंगीर नदी के पार रेवाली, बुरगुम, नीलावाया, मलांगीर एरिया के नक्सलियों का कोर एरिया है,जहाँ नदी को पार कर नक्सलियों को खदेड़ने मानसून ऑपरेशन चलाया जा रहा है। उस इलाके में इन जवानों ने ईनामी मावोवादी रमन्ना, देवा, मंगली के स्मारक ध्वस्त किये है। दंतेश्वरी फाइटर की महिला कमांडो और डीआरजी जवानों धमक से नक्सली पूरी तरह से बैकफुट पर है। यही कारण है कि माओवादी शहीदी सप्ताह में अपनी गतिविधियों को अंजाम नहीं दे पा रहे हैं।
दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि बीते दो सालों में 30 से भी अधिक नक्सलियों के अलग अलग ठिकानों में मुठभेड़ हुई है। जिन पर 40 से अधिक नक्सली मारे गये है। इन्ही सभी मुठभेड़ों में दंतेश्वरी की महिला कमांडो भी संयुक्त ऑपरेशन में शामिल रही है। मानसून सीजन में पहले फोर्स कम निकलती थी तब नक्सली ग्रामीण इलाकों में पहुँचकर आराम से ट्रेनिंग करते हैं और लेवी वसूलने का काम चलाते हैं। लेकिन अब जवानों की आमद से नक्सलियों को पीछे हटना मजबूरी बनता जा रहा है।