Cyber cell : असंभव को संभव…105 गुम मोबाइल किए बरामद
मूल्य करीब 15 लाख रूपये, संबंधितो को किया जा रहा है वितरण
दुर्ग/नवप्रदेश। Cyber cell : पुलिस चाहे तो क्या नहीं कर सकती? इसका जीता-जागता उदाहरण पुलिस विभाग की साइबर सेल है, जिसने न केवल एक-दो या तीन नहीं बल्कि सैकड़ों गुमशुदा मोबाइल बरामद किए, बल्कि अब मोबाइल उनके संबंधित स्वामियों तक पहुंच रहे हैं। अलबत्ता यह काम पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर सायबर सेल दुर्ग की कार्यवाही थी।
प्राथमिक तौर पर विभिन्न थानों से पुलिस के पास एक आम आवेदन प्राप्त हो रहा था। जिसमें आवेदकों ने लिखा कि उनका मोबाइल खो गया है। जिले में विभिन्न थानों से लगातार मोबाइल गुम होने की सूचना आवेदकों द्वारा थानों में दर्ज कराई जा रही थी। गुमशुदा मोबाइल की रिपोर्ट थानों के माध्यम से साइबर सेल को भेजी जा रही थी।
सायबर सेल की विशेष टीम ने किया काम
मोबाइल चोरों ने किसी के घर और किसी की दुकान से मोबाइल (Cyber cell) चुरा लिया। गुम मोबाईल के संबंध में पुलिस अधीक्षक दुर्ग, प्रशांत अग्रवाल ने मोबाईल धारको को मोबाईल खोजकर उन्हें वापस करने के उद्देश्य से अति. पुलिस अधीक्षक (शहर) संजय कुमार ध्रुव को निर्देशित किया गया। इसके लिए सायबर सेल की विशेष टीम गठित कर गुमे हुये मोबाईलों को खोज कर निकाल गया।
करीब 15 लाख के मोबाइल बरामद
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार गुम (Cyber cell) हुये मोबाईलों से संबंधित दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, बालोद, बेमेतरा एवं रायपुर क्षेत्रों से आवेदन पत्रों के आधार पर अभियान चलाया। पुलिस अधिकारियों की अथक मेहनत, लगन और इच्छाशक्ति ने असंभव को संभव करते हुए विभिन्न कंपनियों के गुम 105 नग मोबाईलों को खोज निकाला। बरामद मोबाइल की कीमती करीब 15 लाख रूपए है। अब पुलिस विभाग संबंधित आवेदकों को बुलाकर उन्हें मोबाइल वापस कर रहे है।
इनकी भूमिका सराहनीय
इस कार्यवाही (Cyber cell) में सउनि शमित मिश्रा, प्र.आर. संतोष मिश्रा, चंद्रशेखर बंजीर, आरक्षक विक्रान्त यदु, विजय कुमार शुक्ला, निखिल साहू, दिनेश विश्वकर्मा, सुरेश चौबे, जावेद हुसैन खान, अभय नारायण राय, सूरज पाण्डेय, रवि बिसाई, उपेन्द्र यादव, अनूप शर्मा, चालक आरक्षक दिनेश वर्मा एवं महिला आरक्षक आरती सिंह की भूमिका सराहनीय रही ।