CTBC Chhattisgarh : नई शिक्षा नीति, पुरानी समस्याएं…डिजिटल वितरण ने रोकी किताबें...पढ़ाई पर मंडरा रहा संकट...

CTBC Chhattisgarh : नई शिक्षा नीति, पुरानी समस्याएं…डिजिटल वितरण ने रोकी किताबें…पढ़ाई पर मंडरा रहा संकट…

बीजापुर, नवप्रदेश, 3 जुलाई। CTBC Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की तर्ज़ पर तैयार की गईं नई और आकर्षक पाठ्यपुस्तकें स्कूलों तक पहुंच गई हैं, लेकिन इनके वितरण की नई डिजिटल व्यवस्था ने गंभीर चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। जुलाई 2026 से प्राथमिक शाला की चौथी और पांचवीं कक्षाओं के साथ-साथ मिडिल स्कूल की सातवीं और आठवीं कक्षाओं के लिए भी नए सिलेबस के अनुसार पुस्तकें प्रकाशित होंगी, लेकिन वर्तमान में लागू “टीबीसी ऐप” आधारित वितरण प्रणाली ग्रामीण और दुर्गम इलाकों में मोबाइल नेटवर्क और तकनीकी खामियों के कारण बच्चों की पढ़ाई में बाधा बन रही है।

डिजिटल वितरण प्रणाली बनी मुसीबत

सरकारी और निजी स्कूलों के संस्था प्रमुखों को छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम (CTBC) के “टीबीसी ऐप” के ज़रिए किताबों की संख्या का सत्यापन करना (CTBC Chhattisgarh)होगा। इसके बाद, पुस्तक के अंतिम पेज पर दिए गए बारकोड को स्कैन करना अनिवार्य है, ताकि डेटा सीधे पाठ्यपुस्तक निगम के पास सुरक्षित हो सके। 

इस नई व्यवस्था का उद्देश्य निःशुल्क पाठ्यपुस्तकों के वितरण में किसी भी गड़बड़ी को रोकना है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कई समस्याएं सामने आ रही हैं:

 • मोबाइल नेटवर्क का अभाव: बीजापुर जिले के 70% से अधिक गांवों में मोबाइल इंटरनेट नेटवर्क की समस्या है। तुषवाल, बुड़दुम, बाकेली, आदेबेड़ा जैसे माड़ इलाके के दुर्गम क्षेत्रों में तो स्थिति और भी विकट है, जहां बारकोड स्कैनिंग असंभव है।

 • गलत और अस्पष्ट बारकोड: इंटरनेट नेटवर्क वाले इलाकों में भी कई पुस्तकों, जैसे कि दूसरी कक्षा की “आनंदमय गणित” में बारकोड और ISBN कोड गलत या अस्पष्ट हैं, जिससे ऐप में स्कैन “पेंडिंग” दिखा रहा है।

• वितरण में देरी: आमतौर पर जून में उपलब्ध होने वाली पुस्तकें इस साल जुलाई में वितरित की गईं, जिससे बच्चों की पढ़ाई पहले ही प्रभावित हुई (CTBC Chhattisgarh)है।

• हेल्पलाइन का अभाव: स्कैनिंग में आ रही समस्याओं को लेकर शिक्षकों के लिए प्रशासन की ओर से कोई हेल्पलाइन उपलब्ध नहीं है, जिससे उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।डिजिटल वितरण प्रणाली में आ रही अड़चनें शिक्षा विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई हैं। यदि जल्द ही इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो दूरदराज के इलाकों में बच्चों की पढ़ाई पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्रभाव

जिला शिक्षा अधिकारी लखनलाल धनेलिया ने बताया कि “नई पुस्तकें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के अनुरूप तैयार की गई हैं। पहली, दूसरी और तीसरी कक्षाओं के सिलेबस में बदलाव कर गतिविधि आधारित शिक्षा और लर्निंग आउटकम पर विशेष ध्यान दिया गया है। इस सत्र से तीसरी कक्षा के बच्चों के सृजनात्मक कौशल को (CTBC Chhattisgarh)बढ़ावा देने के लिए कला शिक्षा को भी एक विषय के रूप में शामिल किया गया है। इसके चलते, अब स्कूलों में चार के बजाय पांच कालखंड होंगे।”

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