CRPF Blast Incident : दंतेवाड़ा में माओवादी हमला, 2 जवान गंभीर रूप से घायल

CRPF Blast Incident : मालेवाही थाना क्षेत्र में सुबह नक्सलियों ने प्रेशर आईईडी विस्फोट कर सीआरपीएफ के जवानों (CRPF Blast Incident) को निशाना बनाया। इस धमाके में इंस्पेक्टर और एक आरक्षक गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना सुबह करीब 10:30 बजे इंद्रावती नदी पार सातधार पुल से 800 मीटर आगे की बताई जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, सीआरपीएफ 195वीं वाहिनी का दल नक्सल विरोधी अभियान (Anti-Naxal Operation) के तहत एरिया डोमिनेशन और डिमाइनिंग कार्य के लिए इलाके में निकला था। इसी दौरान नक्सलियों द्वारा बिछाए गए प्रेशर आईईडी की चपेट में आने से विस्फोट हुआ। धमाका इतना तेज था कि मौके पर अफरा-तफरी मच गई और दो जवान गंभीर रूप से जख्मी हो गए।
घायलों की पहचान इंस्पेक्टर दीवान सिंह गुर्जर और आरक्षक आलम मुनेश के रूप में हुई है। दोनों को पहले जिला अस्पताल दंतेवाड़ा लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए रायपुर उच्च केंद्र (Raipur Trauma Centre) एयरलिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है।
घटना के बाद इलाके में सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान तेज कर दिया है। पुलिस का कहना है कि नक्सलियों की मौजूदगी को देखते हुए आसपास के क्षेत्रों में सतर्कता और बढ़ा दी गई है। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि इंद्रावती नदी पार का इलाका नक्सलियों की गतिविधियों (Naxal Violence) से पूरी तरह मुक्त नहीं हुआ है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बीते कुछ महीनों से लगातार चल रहे अभियानों से माओवादी संगठन दबाव में हैं और ऐसे हमलों को अंजाम देकर वे सुरक्षा बलों का मनोबल गिराने की कोशिश करते हैं। लेकिन सरकार और सुरक्षा एजेंसियां इस चुनौती का मुकाबला पूरी मजबूती से कर रही हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दंतेवाड़ा जैसी घटनाएं यह संकेत देती हैं कि इलाके में नक्सलवाद की समस्या पूरी तरह खत्म होने में अभी वक्त लगेगा। वहीं सरकार का कहना है कि जवानों को हर संभव मदद दी जाएगी और उनकी सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा।
इस घटना ने एक बार फिर नक्सल समस्या की गंभीरता को उजागर किया है। यह माओवादी हमला (Maoist Attack) बताता है कि सुरक्षा बलों को अभी भी हर कदम पर सतर्क रहने की जरूरत है।