Crisis in Politics Again : सियासत से बड़ी खबर...अब इस दिग्गज मंत्री ने छोड़ा साथ...आया भूचाल  

Crisis in Politics Again : सियासत से बड़ी खबर…अब इस दिग्गज मंत्री ने छोड़ा साथ…आया भूचाल  

Breaking Govt Employee: Government has received complaints about demanding money from the officials... order for termination of service

Breaking Govt Employee

पटना/नवप्रदेश। Crisis in Politics Again : बिहार की सियासत से बड़ी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के बाद अब नीतीश सरकार में बने कृषि मंत्री और राजद नेता सुधाकर सिंह ने भी मंत्री पद से अपना इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को अपना त्याग पत्र सौंप दिया है। इस बात की पुष्टि राजद प्रदेश अध्यक्ष व सुधाकर सिंह के पिता जगदानंद सिंह ने भी की है। हालांकि अभी इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है।

अपने बयानों से चर्चा में आए थे सुधाकर सिंह

बता दें कि बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने हाल ही में तब खूब चर्चाओं (Crisis in Politics Again) में रहे थे जब उन्होंने अपने ही विभाग में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया। राजद नेता ने तब विवाद खड़ा कर दिया जब उन्होंने बयान दिया था कि उनके विभाग के सभी अधिकारी चोर हैं और इस विभाग के प्रमुख होने के नाते वह चोरों के मुखिया हैं। कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा था कि हमारे ऊपर भी और कई सरदार मौजूद हैं। उन्होंने कहा, ये वही पुरानी सरकार है। इसके चाल चलन पुराने हैं। हम लोग तो कहीं कहीं हैं लेकिन जनता को लगातार सरकार को आगाह करना होगा। बता दें कि सुधाकर सिंह, कैमूर जिले के रामगढ़ से पहली बार विधायक बने हैं।

राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद के बेटे हैं सुधाकर सिंह

बता दें कि सुधाकर सिंह वर्तमान राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं और अभी कैमूर के रामगढ़ से विधायक हैं। सुधाकर सिंह 2010 में पिता से बगावत कर भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे थे लेकिन वे चुनाव हार गए। सुधाकर सिंह की शैक्षणिक योग्यता Graduate है और उनकी उम्र 44 साल है। राजनीति में आने से पहले सुधाकर सिंह खेती का काम किया करते थे।

बता दें कि यह चावल घोटाला 2013-14 में हुआ था। उनपर आरोप (Crisis in Politics Again) था कि उन्होंने चावल जमा नहीं करवाए और उसे गबन कर गए। न्यायिक दंडाधिकारी की प्रथम अदालत में ये मामला अब भी लंबित है। रामगढ थाने में ही उन पर केस हुआ था। लेकिन, लालू यादव के परिवार से उनके पिता की नजदीकी काम कर गई और उन्हें मंत्री पद मिल गया।

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