CPI MLA Arrested : 24 साल पुराना केस बना राजनीतिक भूचाल…विधायक को भेजा गया जेल…कोर्ट ने खारिज की जमानत…

CPI MLA Arrested
CPI MLA Arrested : बिहार की राजनीति में सोमवार को एक अप्रत्याशित मोड़ आया, जब अरवल से विधायक और भाकपा (माले) के नेता महानंद सिंह को 24 साल पुराने केस में सीधे जेल भेज दिया गया। मामला साल 2001 में एक सड़क जाम को लेकर दर्ज हुआ था, लेकिन समय की धूल में यह फाइल तब तक दबी रही, जब तक कोर्ट ने 2022 में विधायक को भगोड़ा घोषित नहीं कर दिया।
अब खुद अदालत में सरेंडर करने आए विधायक को कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया। जहानाबाद अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी अनीश कुमार की अदालत ने जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें न्यायिक हिरासत में मंडलकारा भेजने का आदेश दिया।
क्या है पूरा मामला?
साल 2001 में झारखंड में माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य की गिरफ्तारी के विरोध में जहानाबाद में प्रदर्शन हुआ था। महानंद सिंह उस समय पार्टी के सचिव थे और उन्होंने सड़क जाम का नेतृत्व किया था। सरकारी कार्य(CPI MLA Arrested) में बाधा पहुंचाने के आरोप में केस दर्ज हुआ और एक बार जमानत लेने के बाद विधायक कभी कोर्ट में पेश नहीं हुए।
पुलिस ने समन, जमानती वारंट, गैर-जमानती वारंट, कुर्की तक की प्रक्रिया अपनाई लेकिन वह ग़ायब रहे। अब जब विधायक खुद कोर्ट में पेश हुए तो उन्हें कोई राहत नहीं मिली।
क्या हो सकते हैं राजनीतिक मायने?
एक चुने हुए जनप्रतिनिधि का इस तरह जेल जाना, वो भी इतने पुराने मामले में यह राज्य की राजनीति को एक नया मोड़ दे सकता है। विपक्ष इसे ‘राजनीतिक बदले की कार्रवाई’ कह सकता है, जबकि कोर्ट(CPI MLA Arrested) ने सिर्फ कानूनी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है।