जानें, यदि वैक्सीनेशन के दिन आपको बुखार तो छग में कोरोना का टीका लगेगा या नहीं, ऐसे और भी सवाल व उनके जवाब
Covid Vaccination in Cg : राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. अमर सिंह ठाकुर की नवप्रदेश से खास बातचीत
चंद्रशेखर धोटे/नवप्रदेश। Covid Vaccination in CG : राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. अमर सिंह ठाकुर ने बताया कि ड्राई रन के साथ ही प्रदेश में कोविड वैक्सीनेशन (Covid Vaccination in CG) की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। केंद्र का आदेश होते ही यह शुरू हो जाएगा।
नवप्रदेश के सवालों के जवाब में उन्होंने यह भी बताया कि यदि किसी व्यक्ति को बुखार रहा तो उसे वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी। उसे डॉक्टर की सलाह लेने के लिए कहा जाएगा। यदि डॉक्टर को लगता है कि संबंधित व्यक्ति की कोराना जांच होनी चाहिए तो उसे जांच करानी होगी।
हालांकि जांच कराना या नहीं कराना उस व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर होगा। थर्मल स्क्रीनिंग से टेंप्रेचर सिर्फ इसलिए चेक होगा ताकि यदि कोई संक्रमित टीका लगवाने आता है तो उससे दूसरों को संक्रमित होने से बचाया जा सके।
लेकिन एसिंप्टोमेटिक ऐसे लोग जिन्हें जांच न होने से अपने संक्रमित होने का पता नहीं उन्हें टीका लग जाएगा। इससे कोई खतरा नहीं होगा।
Covid Vaccination in CG : आइए डॉ. ठाकुर से जानते हैं टीकाकरण से जुड़े कुछ ऐसे ही अहम सवालों के बारे में…
Covid Vaccination in CG : सवाल: प्रदेश में टीकाकरण को लेकर अब तक क्या तैयार हो चुकी है?
जवाब: प्रदेश में कोविड टीकाकरण को लेकर लगभग सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। सभी लोगों के टीकाकरण के लिए 27 हजार 931 टीकाकरण केंद्र बनाए जाएंगे। प्रथम चरण चयनित लोगोंं के लिए होगा। इसमें 2 लाख 67 हजार हेल्थ तथा फ्रंट लाइन वर्कर्स का टीकाकरण (covid vaccination in cg) होगा। इन सभी का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। ये संख्या बढ़ भी सकती है। प्रदेश में पहले चरण के लिए13 हजार टीकाकरण केंद्र बनाए जा चुके हैं। 8192 वैक्सीनेटर नियुक्त किए गए हैं। जरूरत पड़ी तो और सेवानिवृत्त स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की भी मदद ली जाएगी। ऐसे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का डाटा तैयार किया जा रहा है।
सवाल : टीकाकरण केंद्र में क्या-क्या होगा?
जवाब : हर केंद्र पर पांच अधिकारी होंगे। पहला अधिकारी इच्छुक व्यक्ति का नाम व वैक्सीनेशन के लिए उसे प्राप्त मैसेज चेक करेगा। उसे सैनिटाजेशन व मास्क लगाने के लिए कहेगा। नाम मिलान होने पर व्यक्ति को अंदर भेजा जाएगा, जहां दूसरा अधिका फोटो आईडी से उसका मिलान करेगा। सही पाए जाने पर तीसरा अधिकारी टीका लगाएगा। इसके बाद व्यक्ति को पुन: दूसरे वाले अधिकारी के पास जाना होगा, जो उस व्यक्ति को टीका लगने की जानकारी ऑनलाइन दर्ज करेगा।
फिर चौथे व पांचवें क्रमांक के अधिकारी व्यक्ति को ऑनलाइन ऑब्जर्वेशन रूम में लेकर जाएंगे, जहां उसे आधा घंटा रुकना होगा। इस दौरान सबकुछ ठीक रहा टीका लगवाने वाले को घर जाने की अनुमति होगी। यदि तबीयत बिगड़ती है तो केंद्र पर ही इलाज होगा। रेफर की जरूरत पड़ी तो एंबुलेंस बुलाई जाएगी।
सवाल : क्या एंटीबॉडी बन चुके शख्स का भी वैक्सीनेशन होगा?
जवाब : डॉ. ठाकुर ने यह बताया कि वैक्सीनेशन के लिए एंटीबॉडी बने होने या न होने से कोई वास्ता नहीं है। वैज्ञानिकों का कहना है कि टीकाकरण के लिए इसके बारे में जानना जरूरी नहीं है। एंटीबॉडी के बारे में पता लगाना लंबी प्रक्रिया है। कोविड होने व यहां तक कि टीकाकरण के बाद भी जरूरी नहीं है कि सभी में एंटीबॉडी बन जाए।
सवाल : क्या किसी ऐसे शख्स का भी वैक्सीनेशन हो जाएगा जो कोरोना से संक्रमित है, लेकिन एसिंप्टोमेटिक होने व जांच नहीं कराने के कारण उसे इसका पता नहीं है?
जवाब : हां, ऐसे लोगों को भी टीका लगाया जाएगा। क्योंकि वैक्सीन कोरोना की दवाई नहीं है। बल्कि यह व्यक्ति में कोरोना के खिलाफ लडऩे की रोग प्रतिरोधक क्षमता निर्माण करती है। कोरोना संक्रमित को टीका लगने पर उसे साइड इफेक्ट नहीं होंंगे।
सवाल : क्या केंद्र पर आने वाले लोगों में कोरोना के लक्षणों को लेकर जांच भी होगी?
जवाब : सिर्फ थर्मल स्क्रीनिंग से टेंप्रेचर चेक किया जाएगा। ऑक्सीजन चेक नहीं होगा। यदि बुखार रहा तो उसे डॉक्टर से सलाह लेने के लिए कहा जाएगा। यदि डॉक्टर को लगा तो वह उसे कोविड जांच के लिए कह सकते हैं। जांच कराना या नहीं टीका लगवाने की तरह स्वैच्छिक होगा।