Corruption : ईई को नहर परियोजना से हटाया, इन्हें बनाया गया नया प्रभारी... |

Corruption : ईई को नहर परियोजना से हटाया, इन्हें बनाया गया नया प्रभारी…

Corruption: EE removed from canal project, made new in-charge...

Corruption

पहले ही कई अफसरों को किया जा चुका है निलंबित

गरियाबंद/नवप्रदेश/जीवन एस साहू। Corruption : जल संसाधन विभाग के ईई पीके आनंद का तबादला हो गया है। उन्हें रायपुर मुख्यालय बुलाया गया है। उनके स्थान पर आशुतोष सारस्वत को जिले का प्रभारी कार्यपालन अभियंता बनाया गया है। पूरा मामला 44 करोड़ की लागत बन रहे नहर लाईनिंग कार्य में गड़बड़ी का है।

कुछ लोगों को पीके आनंद के आकस्मिक तबादले पर भले ही आश्चर्य हो लेकिन राजनीति से जुड़े लोग इससे इत्तेफाक नहीं रखते। जिले के जल संसाधन विभाग (Corruption) में पिछले कुछ समय से जिस तरह कामकाज को अंजाम दिया जा रहा था, उससे राजनीतिक लोगों ने अंदाजा लगा लिया था कि पीके आनंद का यहां ज्यादा दिन स्थिर रहना अब संभव नही है। माना जा रहा है कि पैरी परियोजना नहर लाईनिंग में लापरवाही के कारण उनका तबादला हुआ है।

Corruption: EE removed from canal project, made new in-charge...
सीसी लाईनिंग का काम विभाग के लिए बना जी का जंजाल

पैरी परियोजना नहर सीसी लाईनिंग का काम जिला जल संसधान विभाग के लिए जी का जंजाल बना हुआ है। फिर यूं कहा जाए कि भ्रष्टाचार का गढ़ बना हुआ है। इसी कार्य में भ्रष्टाचार के आरोप में ईई सहित 4 अधिकारी कर्मचारी पहले भी निलंबित हो चुके है। अब इसी काम में लापरवाही बरतने के चक्कर में वर्तमान ईई को अपनी कुर्सी से हाथ धोना माना जा रहा है।

गौरतलब है कि तकरीबन 10 साल पहले भाजपा शासन काल में इस नहर लाईनिंग का काम शुरू हुआ था। मगर काम शुरू होते ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया था। तब भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ता प्रीतम सिन्हा ने इस मामले को जोर शोर से उठाया था और कई अधिकारियों को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी। अब एक बार फिर प्रीतम सिन्हा ने इस मामले को उठाया है। जिसके चलते ईई का तबादला होने की बात कहीं जा रही है।

प्रीतम सिन्हा ने बताया कि उनके पास मामले से जुड़े भ्रष्टाचार के पर्याप्त सबूत उपलब्ध है। वे जल्द ही इस मामले में कानूनी कार्यवाही (Corruption) करने की तैयारी कर रहे है। प्रीतम ने दावा किया है कि अभी तो अधिकारी का तबादला हुआ है जो पर्याप्त नही है। बल्कि सरकार ने मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि यदि जांच सही तरीके से हुई तो इस बार फिर भी विभाग के कुछ लोगों पर निलंबन की गाज अवश्य गिर सकती है।

भ्रष्टाचार की शिकायतें लगातार आती रही है सामने

बता दें कि पैरी नहर लाईनिंग में भ्रष्टाचार की शिकायतें लगातार सामने आती रही है। इस कार्य को वर्ष 2009 में मंजूरी मिल गई थी। तब लागत 30 करोड़ रुपए थी। वर्ष 2011 तक लगभग 15 किमी का काम किया गया था। काम को लेकर की गई शिकायत पर जांच के बाद तत्कालीन ईई दिनेश भगोरिया समेत 2 एसडीओ और 2 सब इंजीनियर को निलंबित किया गया था। इसके बाद काम रोक दिया गया था। सरकार बदलते ही योजना में 48 प्रतिशत एवज राशि के साथ काम की लागत अब 44 करोड़ कर दी गई।

JOIN OUR WHATS APP GROUP

डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *