Corruption : परवान चढ़ता भ्रष्टाचार…
Corruption : भारत में भ्रष्टाचार एक लाईलाज बीमारी का रूप धारण कर लिया है। मर्ज बढ़ता ही जा रहा है। ज्यों-ज्यों उसकी दवा की जा रही है। केन्द्र और राज्यों में सरकारे बदलती है लेकिन भ्रष्टाचार पर अकुंश लगाने में कोई कामयाब नहीं हो पाता। यही वजह है कि अब राजनीतिक दलों ने भ्रष्टाचार को चुनावी मुद्दा बनाना बंद कर दिया है।
ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल के एक सर्वे के मुताबिक भारत एशिया का सबसे ज्यादा भ्रष्ट देश बन गया है। तानाशाही शासन वाला पाकिस्तान भी भारत से कही ज्यादा बेहतर स्थिति में है जिसका नाम एशिया के सर्वाधिक भ्रष्ट्र देशो की सूची में पांचवें स्थान पर है। भारत में रिश्वत खोरी की दर भी बढ़कर 63 प्रतिशत हो गई है। जिससे यह बात स्पष्ट हो गई है कि भारत में आज भी उपर से नीचे तक भ्रष्टाचार (Corruption) का गंदापरनाला निर्बाध गति से बह रहा है।
सरकारी दफ्तरों का हाल यह है कि कहीं भी बगैर रिश्वत दिए कोई काम नहीं होता। हर विकास और निर्माण कार्यों में संबंधित विभाग के बाबू से लेकर अफसर और मंत्री तक का कमीशन फिक्स होता है। रिश्वतखोरी और कमीशन खोरी का यह खेल पहले की तरह ही आज भी बेखौफ चल रहा है। यदि कभी कोई रिश्वत लेते पकड़ा भी जाता है तो अफसर ज्यादातर लोग सस्ते में ही छूट जाते हैं। इसकी वजह यह है कि हमाम में सब ही नंगे है।
कायदे से तो होना यह चाहिए कि रिश्वत लेते पकड़े गए व्यक्ति के खिलाफ निलंबन की कार्रवाही करने की जगह उसे सीधे सेवा मुक्त कर देना चाहिए। जब तक रिश्वत खोरों के खिलाफ कड़े कानूनी प्रावधान नहीं किए जाएंगे तब तक घूसखोरी पर लगाम नहीं लग पाएंगी औैर भ्रष्टाचार को शिष्टाचार का रूप लेने से कोर्ई नहीं रोक पाएंगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान कहा था कि न वे खुद खाएंगे ना किसी को खाने देंगे। बेसक वे इमानदार हो लेकिन पूरा प्रशासन तंत्र कई दशकों से भ्रष्टाचार में अशंत डूबा हुआ।
लोग न तो खाने से डर रहे है और ना ही खिलाने वाले किसी में कमी कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में भ्रष्टाचार (Corruption) का परवान चढऩा स्वभाविक है। यदि स्थिति बनी रही तो भ्रष्टाचार के मामले में जो भारत आज एशिया में पहले नंबर है वह आने वाले समय में दुनिया में भी नंबर वन बन जाएगा।
ऐसा ना हो इसलिए यह जरूरी है कि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई के लिए कड़े कानून बनाए और उसे सख्ती के साथ अमल में लाए। तभी भ्रष्टाचार रूपी कैंसर से भारत मुक्त हो पाएगा।