विश्व की अर्थव्यवस्था : चीनी उत्पाद का बहिष्कार जरूरी
सारी दुनिया में कोरोना वायरस (corona virus) का संक्रमण फैलाकर विश्व की अर्थव्यवस्था (World economy by spreading infection) को आघात पहुंचाने वाले चीन को सबक सिखाने (chinaTeach lessons) के लिए यह जरूरी है कि सभी लोग चीनी उत्पाद का बहिष्कार कर उसे सबक सिखाएं।
खासतौर पर हम भारतीयों को तो चीनी उत्पाद के बहिष्कार का प्रण ले लेना चाहिए। चीन लगातार भारत के साथ सीमा विवाद को लेकर तनाव पैदा कर रहा है। चीन के साथ जंग जब होगी तब होगी लेकिन हम लोगों को उसके खिलाफ अर्थिक जंग तत्काल शुरू कर देनी चाहिए। सरकार तो चीन के साथ हुए अनुबंंध के कारण चीनी उत्पाद के आयात को राक नहीं सकती लेकिन देशवासी ऐसे किसी अनंबुध के दायरे में नहीं है।
भले ही भारतीय बाजार चीनी उत्पाद से अटे पड़े हों लेकिन हमें उन्हे हरगिज नहीं खरीदना चाहिए। जब चीनी सामानों की बिक्री ही नहीं होगी तो चीन से आयात खुद-ब-खुद बंद हो जाएगा। इस बारे में लद्दाख के शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक जिनके जीवन पर आधारित थ्री इडियट फिल्म बन चुकी है उन्होने चीनी उत्पाद बहिष्कार की नई नए सिरे से मुहिम चलाई है हमें इस मुहिम हो सफल बनाना होगा और यह साबित करना होगा कि चीनी उत्पाद के बिना भी हम रह सकते है।
जब तक हम चीन पर निर्भर रहेंगे तब तक आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार नहीं हो सकता। चीन पर हमारी निर्भरता का आलम यह रहा है कि मनमोहन सिंह सरकार के दौरान तक भारत चीन से आईस्क्रीम खाने के उपयोग में आने वाले प्लास्टि के चम्मच तक को आयात करता रहा है जबकि यह भारत में आसानी ने बनाया जा सकता है।
केन्द्र में मोदी सरकार के आने के बाद प्लास्टिक के चम्मचों के आयात पर काफी हद तक अंकुश लगाया गया है। भारत इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का भी निर्माण कर सकता है और चीन से अच्छी क्वालीटी का सामान बना सकता है लेकिन इस दिशा में भी पिछले कई दशकों तक कोई कारगर पहल नहीं की गई।
अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मादी ने आत्म निर्भर भारत का जो मंत्र दिया है और आपदा को अवसर के रूप में तब्दील करने का जो आव्हान किया है उसे सफल बनाने के लिए हमे स्वदेशी वस्तुओं का ही उपयोग करना चाहिए बेशक वो चीनी उत्पाद के मुकाबले महंगी की क्यो न हों। जब तक लोकल के लिए वोकल नहीं बनेंगे तक तक भारत अत्मनिर्भर नहीं बन पाएगा और चीन पर हम आश्रित रहेंगे।