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Corona Raised Concern : कोरोना के नये वेरिएंट ने बढ़ाई चिंता…

Corona Raised Concern: The new variant of Corona raised concern...

Corona Raised Concern

राजेश माहेश्वरी। Corona Raised Concern : कोरोना वायरस के नए वेरिसंट ‘ओमिक्रॉन’ ने सारी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। ऐसा नहीं है कि दुनिया और हमारे देश से कोरोना खत्म हो चुका है। मौजूद होने के बावजूद कोरोना निष्प्रभावी और नगण्य-सा रह गया था। हमारे देश में संक्रमण के रोजाना 10,000 से भी कम केस दर्ज किए जा रहे हैं और संक्रमण की औसत दर एक फीसदी से भी कम है, तो वायरस काबू में है। ऐसा विश्व स्वास्थ्य संगठन का घोषित आकलन है।

पदचाप इसलिए आंक रहे हैं, क्योंकि दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग, सिंगापुर, इजरायल, बोत्स्वाना सरीखे देशों में कोरोना की एक और नई नस्ल सामने आई है। वायरस का ये नया वेरिएंट इस महीने सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था जिसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन को इसकी जानकारी दी गई। संगठन ने फिर 24 नवंबर को इस दक्षिण अफ्रीका को इस नए वेरिएंट की पुष्टि की और बयान जारी किया।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले सप्ताह कोरोना वायर के इस नए वेरिएंट को ‘चिंता का विषय’ बताते हुए इसका नाम ओमिक्रॉन रखा था। यह डेल्टा प्रकार की तुलना में 7 गुना तेजी से फैलता है और उसके 45 अलग-अलग स्वरूप भी सामने आ चुके हैं, लिहाजा यह खतरनाक और चिंतित स्थिति स्वाभाविक ही है। वायरस के हमारे शरीर की कोशिकाओं से संपर्क बनाने वाले हिस्से की बात करें तो इसमें 10 म्यूटेशन हुए हैं। जबकि दुनिया भर में तबाही मचाने वाले डेल्टा वेरिएंट में दो म्यूटेशन हुए थे। फिलहाल भारत इस वायरस से अछूता है। बेशक बीते करीब 550 दिनों के दौरान संक्रमण के आंकड़े न्यूनतम रहे हैं, लेकिन यह वायरस है, जिसके लिए भौगोलिक सीमाओं के बंधन नहीं हैं। जो कभी भी भारत में आ सकता है।

कोरोना के नए वेरिएंट की आहट के तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सभी वरिष्ठ और संबद्ध अधिकारियों से करीब 4 घंटे तक विमर्श किया और निगरानी, जांच, बंदोबस्त और टीकाकरण की गति को बढ़ाने के निर्देश दिए, लिहाजा वायरस की गंभीरता को समझा जा सकता है। महाराष्ट्र और गुजरात ने कुछ अतिरिक्त पाबंदियां और क्वारंटीन सरीखी चैकसियां घोषित (Corona Raised Concern) कर दी हैं। अमरीका के न्यूयॉर्क में आपातकाल का ऐलान करना पड़ा है। करीब 20 देशों ने अफ्रीकी देशों की तरफ से आने वाली उड़ानों पर रोक ही लगा दी है। कुछ देशों ने तो यात्रा-प्रतिबंध भी लागू कर दिए हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, अभी ओमिक्रॉन नाम के नए वेरिएंट को लेकर जो भी जानकारियां उपलब्ध हैं, उनसे कई तरह की संभावनाओं का संकेत मिलता है, लेकिन किसी ठोस नतीजे पर पहुंचने के लिए उन्हें वैज्ञानिक आधार पर जांचने की आवश्यकता है। ऐसा बताया जा रहा है कि ओमिक्रॉन के 30 से ज्यादा म्यूटेशन हो चुके हैं। ये म्यूटेशन या बदलाव वायरस के स्पाइक प्रोटीन क्षेत्र में हुए हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक वायरस के स्पाइक प्रोटीन वाले क्षेत्र में म्यूटेशन होने से वो वेरिएंट ऐसी क्षमता विकसित कर सकता है जिसमें कि वो इम्युनिटी से बच सकता है, यानी ये हो सकता है कि टीके या दूसरी वजहों से पैदा हुई शरीर की प्रतिरोधी क्षमता का उस वायरस पर असर नहीं हो।

दिल्ली एम्स प्रमुख ने कहा कि ऐसे में दुनिया की सभी कोविड वैक्सीनों की समीक्षा करनी पड़ेगी क्योंकि अधिकतर वैक्सीन स्पाइक प्रोटीन से जूझने वाले एंटीबॉडी विकसित करते हैं, और इसी आधार पर वो वैक्सीन काम करती है। देश में 121 करोड़ से ज्यादा टीकों की खुराकें दी जा चुकी हैं। करीब 35 करोड़ लोगों को टीके की दोनों खुराकें मिल चुकी हैं, लेकिन यह चिंतित पक्ष है कि अब भी 54 फीसदी वयस्कों को टीका लगाया जाना है। हम दिसंबर तक के लक्ष्य से इतना पीछे हैं।

बाल-टीकाकरण की भी शुरुआत नहीं हो सकी है, जबकि अक्तूबर माह का आश्वासन दिया गया था। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को लोगों से नए कोरोनावायरस नए वेरियंट ओमिक्रोन के खिलाफ सतर्क रहने का आग्रह किया। शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने महामारी के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान कोविड के टीकों की 100 करोड़ से अधिक खुराक दी है। अब हम 150 करोड़ खुराक की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसे में कोरोनावायरस के नए वेरिएंट से हमें और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।

देश में पिछले कुछ समय से कोरोना की गति धीमी होने के चलते टीकाकरण की गति मंद हुई है। लोगों में टीकाकरण को लेकर अब पहले जैसा उत्साह नहीं है। जब देश में टीकाकरण की गति ही धीमी हो गई है, तो बूस्टर डोज फिलहाल एक स्वप्न ही है। उस पर नीतिगत निर्णय लेना ही शेष है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन का मानना है कि कोई वेरिएंट कोविड वैक्सीन को पूरी तरह से बेकार नहीं कर सकता। मीडिया से बातचीत में कहा कि कोई भी ऐसा वेरिएंट नहीं होता, जो वैक्सीन को पूरी तरह से निष्प्रभावी बना दे।

उन्होंने आगे कहा कि जब डेल्टा वेरिएंट आया था, तब भी ऐसी आशंका जताई जा रही थी कि वो वैक्सीन को पूरी तरह से बेकार कर देगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एस्ट्राजेनेका, मॉडर्ना, नोवावैक्स और फाइजर सहित तमाम दवा कंपनियों ने कहा कि ओमिक्रोन के सामने आने के बाद वे अपने टीके को उसका मुकाबला करने के लिए परिवर्तित करने का प्रयास कर रहे हैं और ये टीके 100 दिन में तैयार होने की उम्मीद है।

दुनिया में तेजी से फैल रहे ओमिक्रोन को भारत में आने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। ये दिशानिर्देश एक दिसंबर से लागू होंगे और अगले आदेश तक प्रभावी रहेंगे। साथ ही नभ, जल और थल किसी भी सीमा से देश में प्रवेश करने वाले लोगों पर लागू होंगे। दिशानिर्देशों के मुताबिक सभी देश के लोगों को भारत आने से पहले आनलाइन एयर सुविधा पोर्टल पर अपनी पिछली 14 दिन यात्रा संबंधी विस्तृत जानकारी देनी भरनी होगी।

कोरोना वायरस (Corona Raised Concern) के ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर संभावित खतरे को देखते हुए देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की सरकार ने इस नए वेरिएंट को लेकर लखनऊ समेत सभी जिलों में विदेश से आने वालों की पड़ताल के निर्देश जारी किए हैं। निगरानी समितियों, स्वास्थ्य विभाग के दलों, जिलाधिकारियों और अन्य अधिकारियों ने जमीनी स्तर पर मोर्चा संभाल लिया है। उत्तर प्रदेश के साथ देश के सभी राज्य सरकारें नए वेरिएंट को लेकर ‘अलर्ट मोड’ में आ गयी हैं।

(-लेखक राज्य मुख्यालय पर मान्यता प्राप्त स्वतंत्र पत्रकार हैं। )

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