Ambulances में कोरोना पॉजिटिव महिला ने दिया स्वस्थ शिशु को जन्म
बिलासपुर/नवप्रदेश। Ambulances : कोविडकाल के दौरान भी संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देते हुए सरकारी अस्पतालों में ही प्रसव करवाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में मंगलवार को सिम्स अस्पताल से कुछ दूरी पहले ही एंबुलेंस में ही एक कोविड-19 पॉजिटिव महिला का प्रसव करवाना पड़ा। हालांकि जच्चा और बच्चा को बाद में सिम्स अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
एंबुलेंस कर्मी की सूझबूझ से मां और बच्चे की बची जान
इस संबंध में 102 महतारी एक्सप्रेस के जन संपर्क अधिकारी, शिबू कुमार ने बताया, 102 महतारी एक्सप्रेस कॉल सेंटर में सीएचसी रतनपुर से सिम्स बिलासपुर ले जाने के लिए कॉल आया। उस वक्त ईएमटी जयंत कश्यप और ड्राइवर टिंकू गुप्ता ड्यूटी में थे। एंबुलेंस लेकर जब वे रतनपुर सीएचसी पहुंचे तो उन्हें जानकारी मिली की गर्भवती महिला जिसकी उम्र 22 वर्ष है वह कोविड पॉजिटिव है, इसलिए महिला को सिम्स बिलासपुर रेफर किया गया है।
जच्चा और बच्चा स्वस्थ, सिम्स में करवाया भर्ती
ईएमटी जयंत कश्यप और ड्राइवर (Ambulances) टिंकू ने पीपीई किट पहकर पूरी सावधानी रखते हुए गर्भवती महिला एवं उसके परिजनों को एंबुलेंस में बिठाया और सिम्स बिलासपुर के लिए रवाना हो गए। कुछ दूर चलने पर महिला की प्रसव पीड़ा इतनी बढ़ गई और बढ़ गई कि रास्ते में एंबुलेंस को रोककर प्रसव कराने के अलावा एंबुलेंस कर्मियों के पास दूसरा कोई विकल्प नहीं था।
इसके बाद खंडोबा मंदिर के पास गाड़ी को रोककर कोविड खतरे के बावजूद ईएमटी जयंत ने सूझबूझ से महिला का सुरक्षित प्रसव कराया। प्रसव पश्चात शिशु और प्रसूता दोनों को सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बचाई जान बधाई के पात्र हैं एंबुलेंस कर्मी
कोविड से बिना डरे सफल प्रसव कराकर जच्चा और बच्चा को सुरक्षित बचाने से महिला के परिजन लोकेश (परिवर्तित नाम) काफी खुश नजर आए। उन्होंने एंबुलेंस (Ambulances) कर्मियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि यदि एंबुलेंस कर्मी नहीं होते तो जच्चा और बच्चा को बचाना मुश्किल होता।