कोरोना को टक्कर देने वाली लीची तैयार, जल्द होगी बाजारों में

कोरोना को टक्कर देने वाली लीची तैयार, जल्द होगी बाजारों में

corona, lychee, immunity, lockdown, railway, navpradesh,

corona lychee

नई दिल्ली/नवप्रदेश। कोरोना (corona) के विरुद्ध रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में कारगर लीची (lychee) की गुणवत्तापूर्ण फसल न केवल तैयार है बल्कि जल्दी ही बाजार में दस्तक देगी। कार्बोहाइड्रेट , विटामिन , कैल्शियम और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर लीची की फसल एक सप्ताह बाद देश के महानगरों समेत अन्य बाजारों में आ जाएगी।

देश में पहली बार कोरोना (corona) वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के मद्देनजर किसान इसके मूल्य को लेकर आशंकित है लेकिन प्रशासन और रेलवे इसके परिवहन को लेकर हर संभव कदम उठाने को तैयार है। राष्ट्रीय लीची (lychee) अनुसंधान केन्द्र मुजफ्फरपुर के निदेशक विशाल नाथ ने बताया कि इस साल बार-बार वर्षा होने तथा तापमान के कम होने के कारण लीची की फसल के तैयार होने में 10 से 15 दिन की देर हो रही है। आम तौर पर 20 मई से लीची की फसल बाजार में आती थी लेकिन इस बार इसके 30 मई तक बाजार में आने की उम्मीद है ।

100 ग्राम लीची मेंं होते हैं ये तत्व

डॉ विशाल नाथ के अनुसार 100 ग्राम लीची में 16.5 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 0.5 ग्राम प्रोटीन, 171 मिलीग्राम पोटेशियम, 10 मिलीग्राम फास्फोरस, 71.5 मिलीग्राम विटामिन सी, पांच मिलीग्राम कैल्सियम, ओमेगा 3 और 6 ,आयरन , सोडियम तथा कई अन्य तत्व पाए जाते हैं। कोरोना के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में ये खूबियां अहम साबित हो सकती हैं।

इस बार 15 फीसदी लीची का प्रसंस्करण

बिहार में सालाना करीब तीन लाख टन लीची का उत्पादन होता है । इसमें से 40 प्रतिशत का खपत महानगरों में होता है जबकि 38 से 40 प्रतिशत का खपत राज्यों के बाजारों में होता है । कुछ लीची का निर्यात किया जाता है जबकि पांच छह प्रतिशत लीची का प्रसंस्करण किया जाता है। इस बार करीब 15 प्रतिशत लीची के प्रसंस्करण की योजना
तैयार की गई है।

रेलवे ने विशेष रेलगाड़ी चलाने के दिया आश्वासन

लॉकडाउन के कारण परिवहन की समस्या है जिसके कारण किसान इसके अच्छे मूल्य को लेकर आशंकित है। प्रशासन ने किसानों की आशंका को ध्यान में रख कर निजी परिवहन एजेंसियों और रेलवे के साथ बैठक की है। परिवहन एजेंसियों को विशेष पास निर्गत करने का भरोसा दिया गया है और इस संबंध में राज्यों के साथ समन्वय किया जा रहा है। रेलवे ने विशेष रेलगाड़ी चलाने का विश्वास दिलाया है। इसके साथ ही उन स्थानों पर लीची भेजने की योजना तैयार की गई है जहां 24 घंटे के अंदर लीची पहुंच जाए। पड़ोसी देश नेपाल और भूटान में भी अधिक से अधिक लीची खपत की योजना तैयार की गई है ।

प्रसंस्करण के लिए दिया प्रशिक्षण

डॉ विशाल नाथ ने बताया कि 12-13 लोगों को लीची प्रसंस्करण के लिए प्रशिक्षण दिलाया गया हैं और उनके पास आवश्यक प्रमाणपत्र और लाइसेंस भी हैं लेकिन उनके पास पूंजी की समस्या है। कुछ लोगों के पास पिछले साल का माल भी बचा हुआ है। इस तरह के लोगों के लिए
पूंजी की व्यवस्था की जा रही है ।


JOIN OUR WHATS APP GROUP

डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *