CORONA : तीसरी लहर से बचना जरूरी…
CORONA : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार फिर देशवासियों को सचेत किया है कि कोरोना अभी गया नहीं है इसलिए लोग सावधानी बरतना ना छोड़े। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी चेतावनी दी है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है इसलिए कोरोना के प्रति लोगों को सचेत रहने की जरूरत है। इसके बावजूद लोग है कि इन चेतावनियों को गंभीरता से लेने के लिए तैयार नहीं है।
भारत में कोरोना की दूसरी लहर अभी भी कायम है। हालांकि कोरोना (CORONA) की दूसरी लहर की रफ्तार मंद पड़ गई है लेकिन अभी भी प्रतिदिन 35 से 40 हजार नए मामले सामने आ रहे हैं और लगभग पांच सौ लोगों की मौत हो रही है। जाहिर है कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। महाराष्ट्र, केरल और आंध्र प्रदेश आदि कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले फिर से बढऩे लगे है। इस स्थिति में कोरोना की तीसरी लहर आने की संभवना प्रबल हो गई है। इससे निपटने के लिए सरकार अपने स्तर पर तैयारी कर रही है।
अस्पतालों में बैड की संख्या बढ़ा दी गई है। पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन की पूर्ति भी सुनिश्चित कर दी गई है। कोरोना का टीका लगाने का काम भी तेजी से किया जा रहा है। किन्तु सत्प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने में अभी काफी समय लगेगा। ऐसी स्थिति में जिन लोगों को अब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं लग पाई है उन्हें खास तौर पर अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है। ऐसे लोग कोरोना की तीसरी लहर की चपेट में आ सकते हैं।
जब तक टीकाकरण अभियान पूरी तरह सफल नहीं हो जाता तब तक लोगों को कोरोना गाइडलाइन का ईमानदारी पूर्वक पालन करना होगा। देखा जा रहा है कि लॉकडाउन हटने के बाद से ही देश के अधिकांश राज्यों में लोग बेफिक्र हो गए है। ना तो वे मास्क लगाना जरूरी समझते है और ना ही दो गज की दूरी बनाकर रख रहे हैं।
बाजार, मॉल, सिनेमा घर और पार्क आदि सार्वजनिक स्थलों को शर्तो के साथ खोलने की अनुमति दी गई है लेकिन (CORONA) उन शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा है। यात्री बसे भी चलने लगी है। जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। भीड़ की तरह यात्रियों को ठूस दिया जा रहा है। ऐसी स्थिति में कोरोना की तीसरी लहर और भयावह सिद्ध हो सकती है। अब तो कई राज्यों में शैक्षिण संस्थान भी शुरू करने की कवायद की जा रही है। जो छात्र-छात्राओं के लिए घातक सिद्ध हो सकती है।
फिलहाल शैक्षणिक संस्थानों को और कुछ समय तक बंद (CORONA) रखना ही उचित होगा। क्योंकि वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो पाना मुश्किल लगता है। बेहतर होगा कि शैक्षिणक संस्थान शुरू करने के निर्णय पर संबंधित राज्य सरकारें पूर्णविचार करें। कोरोना की तीसरी लहर के कहर से बचने के लिए कोरोना गाइड लाइन का कढ़ाई पूर्वक पालन कराने के लिए भी राज्य सरकारे कारगर कदम उठाए। वहीं कोरोना की तिसरी लहर के कहर से बच पाना संभव होगा।