Corona epidemic: अधिकारियों के साथ बैठक में बोले पीएम मोदी- गांव और शहर के लिए बनाए…
नई दिल्ली। Corona epidemic: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिला और क्षेत्रीय अधिकारियों से कहा है कि वे कोरोना महामारी से निपटने के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की स्थिति के अनुसार अलग रणनीति बनायें। प्रधानमंत्री ने गुरूवार को राज्यों के जिला तथा क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति की वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से आयोजित बैठक में समीक्षा की।
प्रधानमंत्री (Corona epidemic) की अधिकारियों के साथ यह दूसरी बैठक है इससे पहले भी उन्होंने कुछ राज्यों के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्थानीय अनुभवों को साझा करने तथा पूरे देश के एकजुट होकर लडऩे की बहुत अधिक जरूरत है ।
उन्होंने कहा कि भले ही संक्रमण के मामले कम हो रहे हों लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड व्यवहार के पालन को सख्ती से सुनिश्चित करने तथा गांवों को संक्रमण से मुक्त रखने का संदेश अधिक से अधिक फैलाने की जरूरत है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रो के लिए वहां की स्थिति के अनुसार अलग अलग रणनीति बनायें और यह सुनिश्चित करे कि गांव संक्रमण से मुक्त रहें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हर महामारी ने हमें निरंतर नवाचार के महत्व और महामारियों से निपटने के तरीके सिखायें हैं। ये तरीके और रणनीति बहुआयामी होनी चाहिए क्योंकि वायरस अपने आप में बदलाव करने तथा अपना स्वरूप बदलने में माहिर होता है।
वायरस का रूप बदलना बच्चों तथा युवाओं के लिए चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए हमें टीकाकरण की गति को तेजी से बढाना होगा। अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को अपने अपने जिले में कोरोना के कारण उत्पन्न स्थिति और उससे निपटने के लिए उठाये जा रहे कदमों की जानकारी दी।
प्रधानमंत्री (Corona epidemic) ने कहा कि सभी को मिलकर पूरी प्रतिबद्धता से इस चुनौती का सामना करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नयी चुनौतियों के समाधान के लिए हमें नयी रणनीति और नये समाधान खोजने होंगे। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों में संक्रमण में कुछ कमी आयी है लेकिन चुनौती अभी बनी हुई है और सावधानी बरते जाने की जरूरत है।
उन्होंने अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि आपके अनुभव और फीडबैक के आधार पर नीतियों को व्यवहारिक तथा प्रभावशाली बनाने में मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन की बर्बादी रोकने की हर संभव कोशिश की जानी चाहिए क्योंकि वैक्सीन का बर्बाद होने का मतलब है कि लोग उससे वंचित रह रहे हैं।