CORONA DEATH: कोरोना से 6 की मौत, लेकिन 789 का अंतिम संस्कार! हाईकोर्ट भी परेशान.. कौन सी रिपोर्ट ?
पटना। CORONA DEATH: देश में अभी भी कोरोना की दूसरी लहर चल रही है। जहां नए कोरोना संक्रमितों की संख्या में कुछ हद तक कमी आती दिख रही है, वहीं कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा चिंताजनक है। कोरोना का प्रकोप स्वास्थ्य प्रणाली पर भारी दबाव डाल रहा है और कोरोना वैक्सीन, ऑक्सीजन, उपचारात्मक इंजेक्शन और बिस्तरों की कमी का सामना कर रहा है। देश भर की विभिन्न अदालतों में कोरोना याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है।
बिहार में गंगा नदी में कोरोना संकट के दौरान मिले शवों ने पूरे देश में चिंता का माहौल बना दिया है। उधर बिहार के बक्सर इलाके में कोरोना की स्थिति को लेकर दर्ज एक रिपोर्ट ने पटना हाईकोर्ट को भी खफा कर दिया है, जिस पर मुख्य न्यायाधीश संजय करोल ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है।
कौन सी रिपोर्ट सही है?
मुख्य सचिव द्वारा कोरोना के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दायर रिपोर्ट के अनुसार बक्सर क्षेत्र में एक से 13 मई के बीच कोरोना से छह लोगों की मौत हो गयी। हालांकि संभागीय आयुक्त की ओर से दाखिल रिपोर्ट के मुताबिक 5 से 14 मई के बीच 789 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया। हाईकोर्ट ने दोनों रिपोर्टों पर नाराजगी जताई है और पूछा है कि दोनों में से कौन सी रिपोर्ट असली है। इस पर महाधिवक्ता ने एक बार फिर आंकड़े पेश करने के लिए समय मांगा है।
गंगा नदी के शवों पर दाह संस्कार
उत्तर प्रदेश से आए बक्सर इलाके में बहने वाली गंगा नदी में मिले शवों पर बिहार राज्य ने हाथ उठाया है। हालांकि अदालत ने सरकार से इस संबंध में दायर एक जनहित याचिका पर जवाब देने को कहा था। वहीं बक्सर में 10 मई को 106 और 5 मई को 102 शवों का अंतिम संस्कार किया गया।
कोर्ट ने योगी सरकार को जवाबदेह ठहराया
योगी ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य व्यवस्था राम भरोसे है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति डॉ. अजीत कुमार और न्याय सिद्धार्थ वर्मा की बेंच ने योगी सरकार को जवाबदेह ठहराया।