Fitch और एसएण्ड पी रेटिंग्स पर छत्तीसगढ़ के ओपिनियन लीडरों ने ये कहा..
रायपुर। कोरोना संकट (Corona crisis) का दौर भारत (india) के लिए अवसर के रूप में बदलेगा (Will change as opportunity) । अर्थवस्था की रेटिंग (Economy rating) के लिए पूरी दुनिया में मशहूर अमेरिकी संस्था फिच (Institution Fitch) द्वारा जारी हालिया आंकड़ें इसकी तस्दीक करते हैं । फिच के मुताबिक 2021-22 में भारत की जीडीपी 9.5 फीसदी के करीब रहेगी ।
इसके पीछे एक बड़ी वजह भारत सरकार द्वारा आत्मनिर्भर अभियान पैकेज को भी बताया जा रहा है । बता दें कि अर्थव्यवस्था को अधिक मजबूत करने के लिए पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपए का आर्थिक पैकेज जारी किया जिसे आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज के नाम से जाना गया।
इस पैकेज में देश के किसान, मजदूर, लघु व मध्यम उद्योग संचालक, सभी के लिए विशेष तरीके के प्रावधान किए गए हैं। फिच के द्वारा जारी आंकड़े में इसे बड़ी वजह माना जा रहा है । अर्थशास्त्र के जानकार फिंच की रिपोर्ट पर मुहर लगाते हैं।
चेंबर ने कहा भविष्य के लिए अच्छी संभावनाएं
छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज़ के अध्यक्ष श्री जीतेन्द्र बरलोटा ने फिंच और एस एण्ड पी ने 2021-2022 में भारत की विकास दर 9.5 प्रतिशत रहने के अनुमान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह अनुमान भविष्य दृष्टिकोण से यह आशावादी है और भविष्य के लिए अच्छी संभावनाएं जगाती हैं । उन्होंने कहा कि उद्योग-व्यापार में वृद्धि के लिए एक मजबूत आधार की जरूरत है । राज्य सरकारों को अपने-अपने गृह राज्य में लौटे श्रमिकों का उपयोग कुशलता के साथ चाहिए तथा उनके स्कील का उपयोग अधिक से अधिक स्थानीय उद्योगों में लेने का प्रयास होना चाहिए ।
बाजार में हो रहा फीलगुड का चित्र निर्माण : अग्रवाल
छत्तीसगढ़ आयरन एण्ड स्टील एजेंट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष श्री अजय अग्रवाल ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि 9.5 फीसदी की वृद्धि दर के अनुमान से बाजार में एक अच्छा संकेत जा रहा है । एक ‘फीलगुड’ का चित्र निर्माण हो रहा है । व्यापार खुलने से इसका फायदा हो रहा है । इससे एमएसएमई को भी फायदा होगा । इन्फ्रा प्रोजेक्ट शुरू होने से मांग बढ़ रही है, यह एक उत्तम संकेत है।
युवाओं को रोगार मिलेगा : अर्थशास्त्री दुबे
विवेकानंद कॉलेज, रायपुर में अर्थशास्त्र के सहायक प्राध्यापक डा. आशीष दुबे के मुताबिक कोरोना के कारण दुनिया की मंदी से भारत भी अछूता नहीं है पर देश में अधिक युवा जनसंख्या होने के कारण विपरीत परिस्थिति भी भारत के लिए अनुकूल हो जाती है। लघु एवं कुटीर उद्योगों पर ध्यान दिए जाने के कारण अधिक संख्या में युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही उत्पादन का भी व्यापक विस्तार होगा। जिससे 9.5 फीसद का लक्ष्य मुश्किल नहीं लगता है। यही लक्ष्य आगे देश के उत्तरोत्तर विकास में सहायक सिद्ध होगा।