Cooperative Society Suicide : धान खरीदी का दबाव बना मौत की वजह, समिति प्रबंधक ने लगाई फांसी
Cooperative Society Suicide
सीजी भास्कर, 26 दिसंबर। सरगुजा जिले के सीतापुर तहसील क्षेत्र में शनिवार सुबह एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहां आदिम जाति सेवा सहकारी समिति केरजू में पदस्थ प्रबंधक दिनेश गुप्ता ने अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या (Cooperative Society Suicide) कर ली।
इस घटना से न केवल परिवार बल्कि पूरे इलाके में शोक और स्तब्धता का माहौल है। मृतक पिछले कई दिनों से मानसिक तनाव में थे और आर्थिक दबाव से जूझ रहे थे, जिसे प्रारंभिक जांच में आत्महत्या की प्रमुख वजह माना जा रहा है ।
जानकारी के अनुसार सीतापुर निवासी दिनेश गुप्ता (56 वर्ष) आदिम जाति सेवा सहकारी समिति केरजू में प्रबंधक के साथ-साथ धान खरीदी केंद्र के प्रभारी भी थे। पिछले खरीफ सीजन में समर्थन मूल्य पर हुई धान खरीदी के दौरान कम धान पाए जाने पर उन पर लाखों रुपये की राशि अधिरोपित कर दी गई थी। इसी रिकवरी के कारण वे लंबे समय से मानसिक तनाव (Cooperative Society Suicide) और आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे ।
बताया गया कि घटना से एक रात पहले भी वे काफी परेशान थे। देर रात वह मोटरसाइकिल से घर से निकले और सीधे केरजू स्थित सहकारी समिति पहुंचे। वहां उनकी मुलाकात सुरक्षा कर्मचारी से भी हुई थी।
कुछ देर रुकने के बाद वे करीब एक से डेढ़ बजे के बीच घर लौटे, उस समय घर के सभी सदस्य सो रहे थे। इसके बाद उन्होंने कमरे से साड़ी लाकर भूतल के कमरे में फांसी का फंदा बनाया और आत्महत्या कर ली।
प्रतिदिन की तरह सुबह सबसे पहले उनकी मां जागीं। जैसे ही उनकी नजर बेटे के शव पर पड़ी, वे चीख पड़ीं। उनके विलाप की आवाज सुनकर परिवार के अन्य सदस्य जागे और देखते ही देखते घर में कोहराम मच गया। पड़ोसियों की भीड़ जमा हो गई और तत्काल पुलिस को सूचना दी गई।
सूचना मिलने पर सीतापुर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा गया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस ने बताया कि फिलहाल मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है, हालांकि परिजनों के विस्तृत बयान बाद में दर्ज किए जाएंगे।
इस घटना के बाद से परिवार गहरे सदमे में है और रो-रोकर उनका बुरा हाल है (Cooperative Society Suicide)। इस दुखद घटना ने एक बार फिर धान खरीदी व्यवस्था, रिकवरी दबाव और सहकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारियों की मानसिक स्थिति को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
