Controversial Statement : भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा के एक विवादास्पद बयान को लेकर देश के विभिन्न राज्यों में एक ही दिन विरोध प्रदर्शन के नाम पर जो उत्पात मचाया गया और दंगे की साजिश रची गई उसका खुलासा होना निहायत जरूरी है। निश्चित रूप से एक सोची समझी साजिश के तहत ही देश के कई राज्यों में एक ही दिन बवाल काटा गया है। केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने स्पष्ट कहा कि देश में दंगा भड़काने की यह साजिश पाकिस्तान से रची गई है।
पड़ोसी देश पाकिस्तान जिस तरह से भारत (Controversial Statement) में अशांति फैलाने की कोशिशें करते रहा है उसे देखते हुए केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल की आशंका सही भी हो सकती है। इतने बड़े पैमाने पर एक साथ उपद्रव होना इस बात को स्पष्ट करता है कि इसके पीछे बड़ी साजिश है। जो देश की गंगा-जमुनी तहजीब को तहस नहस करने के लिए रची गई है। बहरहाल दंगाईयों के खिलाफ संबंधीत राज्य सरकारों ने कार्रवाई शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश में दंगा करने के आरोप में लगभग ढाई सौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चूका है।
अन्य उपद्रवियों की खोजबीन की जा रही है और इन सब के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के आदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दे दिए है। उपद्रवियों के घरों पर बुल्डोजर भी चलने लगे है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस प्रशासन को 24 घंटे अलर्ट रहने का और संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने का निर्देश दिया है। निश्चित रूप से इस तरह की कार्यवाई से उपद्रवियों को सबक मिलेगा।
इसी तरह की कड़ी कार्रवाई अन्य राज्य सरकारों को भी करनी चाहिए और प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए जो इस स्थिति से निपटने में विफल रहें। झारखंड की राजधानी रांची में दंगाईयों ने पूरे एक घंटे तक उत्पात मचाया जिसमें कई पुलिस वाले घायल हो गए और पुलिस वाले बार-बार गुहार लगाते रहे कि वहां अतिरिक्त पुलिस बल भेजा जाए लेकिन एक घंटे के बाद वहां अतिरिक्त पुलिस बल भेजा गया।
इस तरह की लापरवाही भविष्य में न की जाए और पुलिस प्रशासन अलर्ट रहें ताकि माहौल खराब होने पर तत्काल स्थिति पर काबू पाया जा सके। इस तरह के दंगे और उपद्रव न पहली बार हुए है और न यह आखरी बार हुआ है। यदि यह सारा षंड्यंत्र पड़ोसी देश पाकिस्तान रच रहा है तो आगे भी ऐसी घटनाएं हो सकती है।
इसलिए एहतियात (Controversial Statement) बरतना निहायत जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी अप्रिय घटनाओं की पूर्नावृत्ति ना हो और देश का आपसी सदभाव अमन और चैन कायम रह पाए। कानून और व्यवस्था हालांकि राज्यों का मामला है लेकिन जब स्थिति ज्यादा बिगडऩे लगे तो केन्द्र सरकार मुक दर्शक बनकर तमाशा नहीं देख सकती। केन्द्र सरकार को भी इस मामले में राज्यों से सतत संपर्क में रहना चाहिए और तत्काल केन्द्रीय बल मुहैय्या कराना चाहिए ताकि राज्य सरकारें स्थिति से निपटने में सक्षम रहें।