संपादकीय: ट्रेन डिरेल करने की साजिश गंभीर चिंता का विषय
Derail train is a matter of serious concern: पिछले कुछ दिनों से लगातार ट्रेनों को डिरेल करने की साजिश की जा रही है जो वाकई गंभीर चिंता का विषय है। उत्तरप्रदेश के कानपुर में एक पखवाड़े के भीतर लगातार दूसरी बार रेलवे ट्रैक पर गैस सिलेंडर रखकर ट्रेन को पलटाने की साजिश की गई है।
यह बात अलग है कि ट्रेन चालक की सतर्कता के के कारण कोई हादसा नहीं हो पाया। इसके पूर्व भी कानपुर के पास ही रेलवे ट्रैक पर गैस सिलेंडर पेट्रोल और अन्य विस्फोटक समान मिले थे। जिनकी एनआईए जांच हो रही है। किन्तु अभी तक साजिशकर्ताओं का कोई सुराग नहीं मिला है।
पिछले दो माह के भीतर देश के विभिन्न राज्यों में ट्रेन की पटरियों पर कहीं लोहे का खंबा रखने तो कहीं बडे पत्थर रखने तो कहीं लकड़ी रखने की आधा दर्जन से ज्यादा घटनाएं हो चुकी हैं।
नतीजतन अब तो लोग ट्रेन में यात्रा करने से भी डरने लगे हंैं। जाहिर है यह देश विरोधी लोगों की कारस्तानी है जो गंभीर रेल दुर्घटना को अंजाम देकर देश में दहशत फैलाना चाहते हैं।
ऐसे अराजक तत्वों की जल्द से जल्द पहचान कर उन्हें इसकी कड़ी से कड़ी सजा देना निहायत जरूरी है। रेल पटरियों की सतत निगरानी के लिए भी रेलवे प्रशासन को कारगर कदम उठाने होंगे।
तभी ट्रेन डिरेल करने की ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति पर प्रभावी रोक लग पाएगी। आम जनता को भी जागरूकता का परिचय देना चाहिए। देश की सभी रेल पटरियों की चौबीसों घंटे निगरानी रेलवे प्रशासन के लिए संभव नहीं है
इसलिए आम जनता भी सतर्क रहें और रेल पटरियों के पास किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि देखे जाने पर तत्काल इसकी सूचना पुलिस अथवा रेलवे को दें। तभी इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में लगे षडयंत्रकर्ता बेनकाब होंगे और उनके खिलाफ कार्यवाही संभव होगी।