रमन सिंह के चेहरे वाले बयान पर कांग्रेस की तल्खी,कहा-भाजपा और रमन आमने-सामने
Congress Counterattack : जनता से नकारे और अब पार्टी में भी अस्तित्व की खोज – त्रिवेदी
रायपुर/नवप्रदेश। Congress Counterattack : पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के खुद के चेहरे को सीएम के लिए उपयुक्त बताने को लेकर सियासत शुरू हो गई है। रमन सिंह के बयान पर प्रदेश के सत्ताधारी दल यानी कांग्रेस ने भाजपा के अस्तित्व पर ही सवालिया निशान लगा दिया है।
दरअसल,15 साल प्रदेश का एक चेहरा बनने के बाद आज पार्टी लाइन से बाहर जाकर कद्दावर नेता के बयान को अलग ही दृष्टिकोण से देखा जा रहा है। एक तरफ जहां भाजपा की प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी और सह संगठन प्रभारी शिवप्रकाश छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान साफ़ तौर पर कह कर लौटे हैं कि भाजपा 2023 का विधानसभा चुनाव बिना चेहरे के ही लड़ेगी। इन परिस्थितियों में रमन सिंह का यह बयान हताशा भरा माना जा रहा है।
अस्तित्व बचाने की जद्दोजहद – शैलेश नितिन त्रिवेदी
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी (Congress Counterattack) ने कहा है कि 15 वर्ष तक मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमन सिंह को आज याद दिलाना पड़ रहा है कि वे भी एक चेहरा हैं। इसका साफ़ मतलब ये है कि प्रदेशवासियों के साथ-साथ अब भाजपा संगठन भी डॉ.रमन सिंह को भुला चुके हैं। संचार प्रमुख ने याद दिलाते हुए कहा कि भाजपा की प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी, शिवप्रकाश पहले ही स्पष्ट कर चुके है कि पार्टी बिना चेहरे की चुनाव लड़ेगी। ऐसे स्थिति में रमन सिंह का यह बयान कि “मैं भी एक चेहरा हूं” अपने आप को मार्गदर्शक मंडल में भेजे जाने से बचाने की कोशिश दिखती है। पार्टी और रमन सिंह अब आमने-सामने आ चुके है। रमन सिंह का यह बयान सिर्फ अपने अस्तित्व बचाने की जद्दोजहद है। डॉ.रमन सिंह मार्गदर्शक मंडल में आडवाणी के साथ भेजे जाने से अपने आप को बचाने की कोशिश कर रहे है। इसी कोशिश के चलते उन्होंने यह पार्टी स्टैण्ड के खिलाफ यह बयान दिया है।
कांग्रेस का वार, कतार में रमन सिंह
शैलेश नितिन की माने तो रमन सिंह अब आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के साथ कतार में खड़े है। विधानसभा चुनाव में रमन सिंह के चेहरे को छत्तीसगढ़ की जनता ने पहले ही नकार दिया है अब भाजपा भी बिना चेहरा के आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर एक प्रकार से रमन सिंह के चेहरे से किनारा कर दिया है। अब रमन सिंह अपने राजनीतिक अस्तित्व को बचाने (Congress Counterattack) के लिए भाजपा के द्वारा नकारे जाने के बाद भी खुद के चेहरे को चेहरा बता रहे हैं। भाजपा में अब रमन सिंह अब स्वंयम्भू नेता रह गये है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के ढाई साल के कार्यकाल के बाद छत्तीसगढ़ में भाजपा मुद्दाविहीन हो चुकी है।
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