Congress introspect : कांग्रेस आत्मचिंतन करें
Congress introspect : देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस में एक के बाद एक वरिष्ठ नेता और युवा नेता कांग्रेस छोड़ रहे है। अब पूर्व कानून मंत्री अश्वनी कुमार ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्होने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए अपने त्यागपत्र में कहा है कि कांग्रेस अब पहले जैसी कांग्रेस नहीं रह गई है। इसलिए वे पार्टी छोड़ रहे है।
यद्यपि कांग्रेस के नेताओं ने कहा है कि अश्वनी कुमार के कांग्रेस छोडऩे से कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन सच तो यह है कि कांग्रेस में जिस तरह इस्तीफे हो रहे है उससे कांग्रेस को न सिर्फ फर्क पड़ रहा है बल्कि संक्रमणकाल से गुजरती कांग्रेस कमजोर हो रही है। इसके बावजूद कंाग्रेस हाईकमान इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है।
कांग्रेस के अनेक वरिष्ठ नेता पहले ही पार्टी से नाराज चल रहे है और खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे है। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश और पंजाब सहित पांच राज्यों के लिए हो रहे विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की गैर मौजूदगी कई सवाल खड़े कर रही है। सिर्फ राहुल गांधी (Congress introspect) और प्रियंका गांधी ने ही चुनाव में मोर्चा संभाल रखा है।
स्थिति यह है कि कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की जो सूची जारी की गई है उसमें भी नामची वरिष्ठ नेताओं को जगह नहीं दी गई है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस को आत्मचिंतन करना चाहिए कि आखिर कांग्रेस से वरिष्ठ नेता किनारा क्यों कर रहे है। कांग्रेस को अपनी रिती और निती में भी बदलाव करने की जरूरत है अन्यथा इन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी उसे वांछित सफलता नहीं मिल पाएगी और आगामी लोकसभा चुनाव में भी एक बार फिर उसे मुंह की खानी पड़ सकती है।
कांग्रेस जैसी सबसे पुरानी राष्ट्रीय पार्टी का मजबूत रहना भारतीय लोकतंत्र के लिए बहुत जरूरी है किन्तु कांग्रेस अपने सहयोगी दलो का भी विश्वास खो रही है। यही वजह है कि अब एक बार फिर देश में आगामी लोकसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए तीसरे मोर्चे के गठन की सुगबुगाहट शुरू हो गई है और इसमें कांग्रेस को किनारे किया जा रहा है।
इस बारे में भी कांग्रेस (Congress introspect) के कर्णधारों को गंभीरता पूर्वक विचार करना चाहिए और पार्टी को एकजुट बनाए रखने के लिए प्रभावी पहल करनी चाहिए। उम्मीद की जानी चाहिए कि कांग्रेस हाई कमान असंतुष्ट नेताओं के असंतोष को दूर करने के साथ ही सभी नेताओं को अहमियत देगा और पार्टी कार्यकर्ताओं में व्याप्त हताशा को दूर करने के लिए कारगर कदम उठाएगा।