Congress Bihar Election : बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस में संगठनिक नवीनीकरण – वन-टू-वन चर्चा के बाद जल्द जारी होंगे नए जिलाध्यक्ष

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Political Protest Rally Bilaspur Congress

Congress Bihar Election : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी अपने संगठन में बड़ा बदलाव करने जा रही है। पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने तय किया है कि जिलों में नए अध्यक्षों की नियुक्ति जल्द घोषित की जाएगी, ताकि चुनावी तैयारी ज़मीनी स्तर पर सशक्त हो सके।

रायपुर में आयोजित एक अहम बैठक में केंद्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट ने वरिष्ठ नेताओं के साथ वन-टू-वन चर्चा कर संगठनिक पुनर्गठन की रूपरेखा तय की। बैठक में प्रदेशाध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे, जिन्होंने अपने-अपने जिलों के संभावित नामों और समीकरणों पर सुझाव साझा किए।

सूत्रों के अनुसार, संगठन निर्माण प्रक्रिया में ‘एक व्यक्ति, एक पद’ के सिद्धांत को इस बार सख्ती से लागू किया जाएगा। इसका मतलब है कि कोई भी वर्तमान पदाधिकारी दोबारा उसी पद पर नहीं लौटेगा। कांग्रेस (Congress Bihar Election) नेतृत्व का मानना है कि नई पीढ़ी के नेताओं, महिलाओं और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों को पर्याप्त अवसर देकर संगठन को ताजगी और ऊर्जा दी जा सकती है। इस दिशा में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा नियुक्त जिला पर्यवेक्षकों ने प्रदेशभर में दौरे कर फीडबैक जुटाया है।

तीन से बीस अक्टूबर तक चले संगठन सृजन अभियान के दौरान पर्यवेक्षकों ने स्थानीय नेताओं, सामाजिक संगठनों, व्यापारियों और नागरिक प्रतिनिधियों से मुलाकात कर उनकी राय दर्ज की। उसके बाद प्रत्येक जिले से छह-छह नामों का पैनल बनाकर AICC को सौंपा गया है। अब केंद्रीय नेतृत्व द्वारा अंतिम अनुमोदन के बाद जिलाध्यक्षों की घोषणा किसी भी वक्त हो सकती है।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया चुनाव से पहले संगठनात्मक एकजुटता दिखाने की दिशा में एक अहम कदम है। कांग्रेस (Congress Bihar Election) यह संदेश देना चाहती है कि बिहार जैसे चुनावी राज्य में उसका ढांचा पूरी तरह सक्रिय और आधुनिक सोच वाला है। संगठन स्तर पर यह बदलाव केवल नामों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि हर जिले में प्रशिक्षण, डेटा प्रबंधन और सोशल मीडिया समन्वय जैसे मोर्चों पर भी नई टीमें बनाई जाएंगी।

अंदरखाने चल रही चर्चाओं में यह भी सामने आया है कि कई जिलों में युवा नेताओं को अहम जिम्मेदारी देने पर सहमति बनी है, ताकि वे अपने क्षेत्र में बूथ स्तर तक नेटवर्क मजबूत कर सकें। साथ ही, महिला पदाधिकारियों को भी निर्णायक भूमिका में लाने की तैयारी है। पार्टी का लक्ष्य है कि दिसंबर तक पूरे संगठन का पुनर्गठन पूरा कर लिया जाए, ताकि नए साल की शुरुआत एक मजबूत टीम के साथ हो।