संपादकीय: कांग्रेस और आप आमने सामने
Congress and AAP face to face: नई दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का अभी तक एलान नहीं हुआ है लेकिन वहां राजनीतिक घमासान लगातार तेज होता जा रहा है। आईएनडीआईए में शामिल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी आमने सामने आ गई है। पिछला लोकसभा चुनाव कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मिलकर लड़ा था। लेकिन सातो लोकसभा सीटों पर उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था।
लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा विधानसभा के चुनाव हुए थे जिसमें कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन करने की कोशिश हुई थी। लेकिन बात नहीं बन पाई। कांग्रेस आम आदमी पार्टी को सम्मानजनक सीटें देने के लिए तैयार नहीं हुई। नतीजतन आम आदमी पार्टी ने भी हरियाणा में सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर दिये थे।
भले ही आम आदमी पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई लेकिन कई सीटों पर उसने कांग्रेस का खेल खराब कर दिया था। यही वजह है कि नई दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ समझौता करने से दो टूक शब्दों में इंकार कर दिया। इसके बाद से आम आदमी पार्टी और कांग्रेस नेताओं के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई थी जो अब घमासान के रूप में तब्दिल हो गई है। इन दोनों दलों के बीच मतभेद इस कदर गहरा गये हैं कि आईएनडीआईए के लिए संकट खड़ा हो गया है।
नई दिल्ली के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अजय माकन ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली है। उन्होंने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी और उसके राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल भरोसे के लायक नहीं है। उन्होंने तो अरविंद केजरीवाल को राष्ट्रदोही तक बता दिया है। इसी तरह कांग्रेस के एक अन्य नेता संदीप दीक्षित ने भी आम आदमी पार्टी पर जमकर निशाना साधा है।
इन दो कांग्रेसी नेताओं के बयानों से आम आदमी पार्टी इस कदर बौखला गई है कि उसके नेता संजय सिंह ने कांग्रेस हाईकमान से अजय माकन और संदीप दीक्षित के खिलाफ कार्यवाही की मांग करते हुए चेतावनी दे डाली है कि यदि इन दोनों नेताओं पर कार्यवाही नहीं होती है तो आम आदमी पार्टी कांग्रेस को आईएनडीआईए के बाहर करने की मुहिम चलाएगी और इस बारे में सहयोगी दलों के साथ चर्चा की जाएगी।
आम आदमी पार्टी जिसकी लोकसभा में गिनीचुनी सीटें हैं वह कांग्रेस को आईएनडीआईए से बाहर करने का दम भर रही है तो इसके पिछे वजह साफ है कि अन्य पार्टियां भी कांग्र्रेस को गठबंधन से हटाने की कवायद कर रही है। उन्हें सिर्फ इसके लिए बहाना चाहिए। गौरतलब है कि हाल ही में बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष ममता बनर्जी ने आईएनडीआईए का नेतृत्व संभालने की मंसा जाहिर की थी।
तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने बयान दिया था कि कांग्रेस पार्टी इस गठबंधन का नेतृत्व करने में विफल हो रही है। इसलिए गठबंधन का नेतृत्व ममता बनर्जी को देना चाहिए। तृणमूल कांग्रेस की इस मांग का अखिलेश यादव , लालू यादव, शरद पवार और उद्धव ठाकरे सहित कई विपक्षी नेताओं ने समर्थन किया। उन सभी ने ममता बनर्जी को गठबंधन का नेता बनाए जाने पर अपनी सहमति की मुहर लगा दी। अब आम आदमी ने तो कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा ही खोल दिया है।
ऐसे स्थिति में आईएनडीआईए को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पूर्व में की गई भविष्यवाणी सच होती नजर आ रही है कि लोकसभा चुनाव के बाद आईएनडीआईए बिखर जाएगा इसकी शुरूआत आम आदमी पार्टी ने कर दी है। दरअसल नई दिल्ली का विधानसभा चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है यदि इस बार आम आदमी पार्टी की हार हो जाती है तो आम आदमी पार्टी का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा।
अरविंद केजरीवाल के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुका है। इसलिए वे चाहते थे कि कांग्रेस सीटो का समझौता कर ले और कम सीटों पर ही संतुष्ट हो जाए ताकि भाजपा विरोधी वोटों का बटवारा न हो पाये। किन्तु कांग्रेस के साथ के समझौता न हो पाने के कारण और कांग्रेस नेताओं द्वारा आम आदमी पार्टी के खिलाफ बयान बाजी करने से अरविंद केजरीवाल आहत हो गये है और उन्होंने कांग्रेस को ही गठबंधन से बाहर करने के लिए मुहीम चलाने की घोषणा कर दी है। उनकी यह मुहिम कितनी सफल होगी।
यह तो आने वाला वक्त ही बेहतर बताएगा लेकिन आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के आमने सामने आ जाने से भाजपा के लिए दो की लड़ाई में तीसरे को फायदा वाली कहावत चरितार्थ हो सकती है। खासतौर पर नई दिल्ली की कई सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाने वाले अल्पसंख्यकों के वोट बट जाने से वहां भाजपा को फायदा मिल सकता है।
वैसे भी आम आदमी पार्टी ने पिछले दो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के ही वोट बैंक पर कब्जा करके वहां प्रचंड बहुमत से अपनी सरकार बनाई थी। फिर भी इस बार कांग्रेस पुरी ताकत से चुनाव लड़ती है तो निश्चित रूप से सिर्फ वोट बैंक में सेंध लग जाएगी और इसका फायदा भाजपा को मिल जाएगा।
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच इसी बात को लेकर लड़ाई हो रही है और नई दिल्लाी की मुख्यमंत्री आतिशी ने तो यहां तक दावा किया है कि कांग्रेस पार्टी नई दिल्ली में भाजपा की बी टीम बन गई है। भाजपा के कार्यालय में कांग्रेस प्रत्याशियों की सूचि बन रही है और कांग्रेस प्रत्याशियों को चुनाव लडऩे के लिए भाजपा पैसे दे रही है। दूसरी और कांग्रेस के नेता आम आदमी पार्टी को बीजेपी की बी टीम बता रहे हैं। कुल मिलाकर दोनो दलों के बीच तलवारें खींच गई है और इसका अंजाम दोनों को ही भगुतना पड़ जाए तो कोई ताज्जुब नहीं होगा।