Conclave : बोले गौरव द्विवेदी- छत्तीसगढ़ फिल्म नीति से राज्य की पहचान बनेगी

Conclave
रायपुर/नवप्रदेश। Conclave : राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में आयोजित कानक्लेव में छत्तीसगढ़ सरकार के सलाहकार गौरव द्विवेदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ फिल्म नीति 8 सितंबर को पारित हो गई है। राज्य की समृद्धि, प्राकृतिक संसाधनों और धरोहर को फिल्म के माध्यम सामने लाने में मदद मिलेगी। स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और राज्य के प्राकृतिक संसाधनों और सौंदर्य से भरपूर पर्यटन क्षेत्रों का प्रचार प्रसार होगा।
श्री द्विवेदी ने मुंबई के प्रतिष्ठित फिल्म निर्माता अविनाश दास (Conclave) से चर्चा करते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा सिंगल विंडो के माध्यम से निर्माताओं को फिल्म पंजीयन में सहूलियत प्रदान करेगा।
स्थानीय लोगों को रोजगार देने की शर्त पर निर्माताओं को फिल्म निर्माण के लिए अनुदान का भी प्रावधान किया गया है। स्थानीय कलाकारों, तकनीशियनों एवं फिल्म निर्माण से जुड़े अन्य व्यवसाय जैसे लाईट, साऊण्ड आदि विषयों पर स्कूल संचालित होगा और विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप भी दी जाएगी।
इसे देखें- Tribal Fest : बंगाल की संथाली-निकोबार की निकोबारी ने मिलकर दर्शकों को गुदगुदाया
श्री द्विवेदी ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार (Conclave) द्वारा फिल्म उद्योग के लिए 115 एकड़ भूमि आवंटित की जा रही है। फिल्म निर्माण का कार्य पहले से संचालित है। कोरोना संक्रमण के विषम परिस्थितियों में राज्य सरकार ने फिल्म निर्माण से जुड़े दैनिक मजदूरी वाले श्रमिकों को सहयोग किया है।
फिल्म निर्माण से जुड़े श्रमिकों को श्रम विभाग की योजनाओं से उन्हें लाभान्वित करने के लिए पंजीयन का प्रावधान किया जा रहा है, जिससे उन्हें स्वास्थ्य बीमा और अन्य योजनाओं का भी लाभ दिया जा सके।

फिल्म निर्माता अविनाश दास ने कहा कि फिल्म निर्माताओं के लिए छत्तीसगढ़ की फिल्म नीति एक नया अवसर होगा। यहां के प्राकृतिक संसाधन व धरोहर फिल्म के परदे से वंचित रहे हैं। फिल्म निर्माताओं, कहानीकारों सहित अन्य विधाओं के लोगों को भी यहां के प्राकृतिक सौंदर्य के अनुकूल कहानियां लिखने फिल्म निर्माण के लिए नई सोच पैदा होगी।
इस अवसर पर जनसंपर्क आयुक्त दीपांशु काबरा सहित राज्य में बाहर से आए हुए प्रतिनिधि, शासकीय अधिकारी कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।