संपादकीय: किसानों के हित में सराहनीय पहल
Commendable initiative in the interest of farmers: एक ओर तो पंजाब के किसान अपनी मांगों को लेकर फिर आंदोलित हो उठे हैं। वहीं दूसरी ओर केन्द्र सरकार ने किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण फैसले लेकर सराहनीय पहल की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्री परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि डीएपी खाद की सब्सिडी बढ़ाई जाएगी।
इस मद में केन्द्र सरकार ने 3850 करोड़ रूपये का आबटन किया है। वैश्विक प्रभाव से डीएपी खाद को मुक्त रखने के लिए पचास किलो वाली डीएपी खाद की बोरी की कीमत 1350 रूपये फिक्स कर दी गई है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उर्वरकों के दाम में वृद्धि होने के बावजूद भारत के किसानों को 1350 रूपये में ही डीएपी खाद उपलब्ध कराई जाएगी।
निश्चित रूप से इससे देश के किसानों को लाभ होगा। सरकार को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि डीएपी खाद का संकट न हो और समय पर किसानों को यह खाद मुहैया हो पाये। इसके अलावा केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का आबंटन भी बढ़ा कर अब 69515 करोड़ रूपये कर दिया है।
ताकि प्राकृतिक आपदा के कारण फसल को होनं वाली क्षति का किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाया जा सके। यही नहीं बल्कि केन्द्र सरकार ने अब फसल बीमा गणना और क्षति के आंकलन के लिए एक नई तकनीक विकसित करने का भी निर्णय लिया है
ताकि अतिवृष्टि अथवा सूखा पडऩे जैसी प्राकृतिक आपदा के बाद किसानों को हुई क्षति का जल्द से जल्द आंकलन किया जा सके और उन्हें समय पर फसल बीमा योजना का लाभ दिया जा सके। केन्द्र सरकार के इन किसान हितैषी फैसलों से अन्नदाता किसानों को निश्चित रूप से भारी राहत मिलेगी। खासतौर पर लघु और सीमांत कृषकों को इसका सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा।