संपादकीय: रेखा गुप्ता के हाथों नई दिल्ली की कमान
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Command of New Delhi in the hands of Rekha Gupta
Command of New Delhi in the hands of Rekha Gupta: 27 साल बाद नई दिल्ली में भाजपा अपनी सरकार बनाने में सफल हुई है। नई दिल्ली के मुख्यमंत्री पद को लेकर पिछले आठ दिनों से संसय की स्थिति बनी हुई थी। मुख्यमंत्री पद के लिए कई नामों की चर्चा हो रही थी लेकिन आखिरकार रेखा गुप्ता को नई दिल्ली सरकार की कमान सौंपी गई। रेखा गुप्ता ने नई दिल्ली की नवीं मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण कर ली है। सुसमा स्वराज सीला दीक्षित और आतिशी के बाद वे नई दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री है।
छात्र जीवन से ही भाजपा से जुड़ी रेखा गुप्ता ने 1992 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्य के रूप में राजनीति के क्षेत्र में पदापर्ण किया था और वे नई दिल्ली विश्व विद्यालय छात्र संघ की अध्यक्ष भी बनी थी। भाजपा महिला मोर्चा में भी उन्होंने महामंत्री के रूप में काम किया था। वे दो बार पार्षद रहीं दो बार उन्होंने विधानसभा का चुनाव भी लड़ा लेकिन चुनाव हार गई। इस बार उन्होंने शालीमार बाग विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधानसभा चुनाव जीता और वे पार्षद से विधायक और फिर मुख्यमंत्री बन गई। रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाने की सबसे बड़ी वजह यह रही की वे युवा महिला नेता है और बनिया जाती से आती हैं।
मूल रूप से वे हरियाणा की रहने वाली है। नई दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल में यह एक समानता है की दोनों ही बनिया जाति के हैं और दोनों ही हरियाणा के मूलनिवासी है। बहरहाल भाजपा ने बहुत सोच समझकर रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री पद का दायित्व सौंपा है। दरअसल इस समय देश के जिन 22 राज्यों में भाजपा की या एनडीए की सरकार है उनमें से किसी भी प्रदेश में महिला मुख्यमंत्री नहीं है। अलबत्ता राजस्थान में एक महिला उपमुख्यमंत्री जरूर है। इस बार के नई दिल्ली विधानसभा चुनाव में वहां की महिलाओं ने भाजपा के पक्ष में बढ़चढ़कर मतदान किया था। यही वजह है कि भाजपा ने महिला शक्ति को प्राथमिकता दी।
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मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे प्रवेश वर्मा को मंत्री बनाया गया है। इसके अलावा आसिफ सूद मनजिंदर सिरसा, पंकज सिंह, कपिल मिश्रा और रविंन्द्र इंद्रराज को मंत्री बनाया गया है। वहीं वरिष्ठ विधायक विजेन्द्र गुप्ता को विधानसभा अध्यक्ष तथा मोहन सिंह विष्ट को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाया गया है। नई दिल्ली मंत्रीमंडल में नई दिल्ली के सभी क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व देने के साथ ही सभी वर्गों को भी स्थान दिया गया है। बनिया, ब्रम्हण और दलित समाज को प्रतिनिधित्व देकर संतुलित मंत्रिमंडल बनाने की कोशिश की गई है।
यही नहीं बल्कि शीघ्र ही होने जा रहे बिहार विधानसभा और उसके बाद होने वाले पंजाब विधानसभा को दृष्टिगत रखते हुए पूर्वांचल और पंजाबी समाज के लागों को भी मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया है। नई दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा ने शक्तिप्रदर्शन भी किया। इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा अनेक केन्द्रिय मंत्री और एनडीए शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री समारोह में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आतिशी को भी आमंत्रित किया गया था लेकिन वे दोनों ही शपथग्रहण समाोह में शामिल नहीं हुए।
जबकि नई दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने इस समारोह में सिरकत की। अब तक जिस भी राज्य मेंन नई पार्टी की सरकार बनती है तो उसके शपथग्रहण समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री जरूर शामिल होते रहे हैं। किन्तु अरविंद केजरीवाल ने जाने क्यूं इस परंपरा का निरवहन करना जरूरी नहीं समझा वे खुद तो नहीं गये। संभवत: उन्होंने ही आतिशी को भी वहां जाने से रोका हो। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तत्काल बाद नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के साथ सीधे यमुना नदी के घाट पर जा पहुंची और वहां यमुना नदी को साफ करने के लिए चलाये जा रहे अभियान का जायजा लिया। गौरतलब है कि भाजपा ने नई दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद यमुना नदी की सफाई का काम शुरू कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव के दौरान यह घोषणा की थी कि भाजपा की सरकार बनने के बाद यमुना नदी की सफाई को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। यमुना नदी के बढ़ते प्रदूषण को भी भाजपा ने अपना प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया था। यही वजह है कि रेखा गुप्ता के नेतृत्व में बनी नई दिल्ली की नई सरकार ने शपथ करते ही यमुना नदी के तट पर अपनी हाजरी लगाई। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि उनकी प्राथमिकता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हर गारंटी को जल्द से जल्द पूरा करना है और इसके लिए वे अपना हर क्षण और शरीर का हर कण लगा देंगी।
नई दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने जो दुर्दसा कर रखी है उसे दूर करना और भाजपा के चुनावी संकल्प पत्र को अमलीजामा पहनाना मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के लिए निश्चय ही चुनौतीपूर्ण काम सिद्ध होगा। किन्तु अब चूंकि नई दिल्ली में डबल इंजन की सरकार बन चुकी है तो उन्हें केन्द्र सरकार से हर संभव मदद मिलेगी और वे इस चुनौती का सामना करने में सफल होंगी। नई नई दिल्ली के बाशिंदों ने जिस उम्मीद के साथ भाजपा को प्रचंड़ बहुमद दिलाया है उसपर खरा उतरना रेखा गुप्ता की सरकार के लिए भले ही चुनौतीपूर्ण काम हो लेकिन आम जनता की कसौटी पर खरा उतरेंगी ऐसी उम्मीद की जानी चाहिए।