Collector Conference 2025 : सुबह सात बजे से वार्डों में नजर आएं कलेक्टर: सीएम साय का सख्त निर्देश – “काम फाइलों में नहीं, सड़कों पर दिखना चाहिए”

Collector Conference 2025

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Collector Conference 2025 : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोमवार को हुई कलेक्टर कॉन्फ्रेंस 2025 में सुशासन का नया पैमाना तय कर दिया। बैठक की शुरुआत तय समय से पहले हुई और मुख्यमंत्री ने अपने शुरुआती संबोधन में साफ कहा – “कागजों में नहीं, काम जमीन पर नजर आना चाहिए।” साय ने सभी कलेक्टरों को दो टूक निर्देश दिया कि वे हर सुबह सात बजे से नगरीय वार्डों में फील्ड विजिट करें। उन्होंने कहा कि जनता को सिर्फ रिपोर्ट नहीं, नतीजे चाहिए।

अब लापरवाही के लिए कोई जगह नहीं बचेगी। मुख्यमंत्री ने चेतावनी भरे लहजे में कहा – “अगर जनता तक योजनाओं का असर नहीं पहुंचा, तो जिम्मेदारी प्रशासनिक स्तर पर तय होगी।” बैठक में मुख्य सचिव विकास शील, सभी विभागीय सचिव, संभागायुक्त और जिलों के कलेक्टर मौजूद रहे।

धान खरीदी में गड़बड़ी पर सख्त रुख

मुख्यमंत्री ने 15 नवंबर से शुरू होने वाली धान खरीदी की तैयारी पर खास जोर दिया।

उन्होंने स्पष्ट किया कि खरीदी में किसी भी तरह की अनियमितता या लापरवाही पर सीधे कलेक्टर जिम्मेदार होंगे।

साय ने निर्देश दिया कि निगरानी के लिए इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (Collector Conference 2025) का उपयोग किया जाए।

साथ ही सीमावर्ती जिलों में बाहर से धान की अवैध आवाजाही रोकने के लिए विशेष चौकसी रखने को कहा।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि विशेष पिछड़ी जनजातियों (PVTGs) के किसानों का 100 प्रतिशत पंजीयन विशेष शिविरों के माध्यम से कराया जाए।

स्वास्थ्य और पोषण पर फील्ड फोकस

मुख्यमंत्री साय ने अस्पतालों में हर प्रसव दर्ज करने और हर मातृ मृत्यु का ऑडिट अनिवार्य करने का निर्देश दिया।

उन्होंने कहा कि टीकाकरण का आंकड़ा तभी मायने रखता है जब वह फील्ड वेरिफिकेशन से गुजरता है।

साय ने बस्तर संभाग के हॉटस्पॉट क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाने और वेलनेस सेंटरों (Collector Conference 2025) को फिर से सक्रिय करने के आदेश दिए।

शिक्षा पर 50 मिनट चर्चा — लक्ष्य 100% नामांकन और शून्य ड्रॉपआउट

बैठक में शिक्षा विभाग पर सबसे लंबी चर्चा हुई — लगभग 50 मिनट तक।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सकल नामांकन अनुपात 100% तक पहुंचाया जाए और ड्रॉपआउट शून्य हो।

उन्होंने कहा कि शिक्षण सामग्री अलमारियों में नहीं, कक्षाओं में दिखनी चाहिए।

साय ने ‘बीजापुर मॉडल’ की सराहना करते हुए अन्य जिलों को स्थानीय भाषा आधारित शिक्षण अपनाने की सलाह दी।

उन्होंने आदेश दिया कि 31 दिसंबर तक सभी विद्यार्थियों की आधार-बेस्ड ‘अपार आईडी’ बनाई जाए, जिससे गणवेश और छात्रवृत्ति वितरण में पारदर्शिता आएगी।

राज्य में अब “मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान” शुरू किया जाएगा, जिसके तहत स्कूलों की ग्रेडिंग और सामाजिक अंकेक्षण किया जाएगा।

अब शासन की सुबह जनता के साथ

कांफ्रेंस का सार यही रहा – अब शासन की शुरुआत सुबह सात बजे जनता (Collector Conference 2025) के बीच से होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कलेक्टर दफ्तरों से पहले वार्डों, स्कूलों और अस्पतालों में जाएं।

साय के इस निर्देश ने एक संदेश साफ कर दिया है – सुशासन अब रिपोर्टों से नहीं, जनता की नजर से मापा जाएगा।

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