आज का बेबाक : बिहार में पुलों का ढहना हैरत की बात नहीं
Collapse of bridges in Bihar is not surprising: मानसून की पहली ही फुहार से बिहार में दस दिनों के भीतर चार पुलों ने जल समाधि ले ली। पिछले साल भी पुल जमींदोज हुए थे। बिहार में पुलों का ढहना हैरत की बात नहीं है। आश्चर्य तो तब होता है जब कोई पुल सही सलामत रह जाता है।
एक पुल तो उद्घाटन के पहले ही टूट गया। ये गलत बात है। पुल को इतना मजबूत तो बनाना ही चाहिए कि वह उद्घाटन के दिन तक टिक पाए। बहरहाल बिहार में हर पुल (Collapse of bridges in Bihar is not surprising) के पास यह बोर्ड लगना चाहिए कि आगे खतरनाक पुल है आप यू टर्न ले लीजिए।