Colic pain: शूल वेदना: पेट में पीड़ा की लहरें उठना इस रोग का प्रमुख लक्षण
Colic pain: इस रोग का कोई निश्चित कारण नहीं है। यह सामान्य कारणों, जैसे अधिक भोजन करने, वायु बनने, अपच आदि के कारण भी हो सकता है। तथा अल्सर, कब्ज आदि दीर्घकालीन रोगों के फलस्वरूप भी हो सकता है।
पेट (Colic pain) में पीड़ा की लहरें उठना इस रोग का प्रमुख लक्षण हैं। रोग की चिकित्सा करते हुए सबसे पहले रोगी के कब्ज को दूर करना अति आवश्यक है, जिससे वायु (गैस) शांत हो सके।
शूल वेदना के उपचार- प्रातःकाल नाश्ते में एक गिलास टमाटर के रस में थोड़ा-सा शहद मिलाकर पीने से शरीर में शक्ति की वृद्धि होती है, आंतों में ताकत आती है और खून बढ़ता है।
- – अश्वगंधा चूर्ण, मिश्री और मधु प्रत्येक 7-7 ग्राम लेकर इसमें गाय का घी मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करने से शारीरिक शक्ति बढ़ती है।
- – बड़े गोखरू, आंवला और गिलोय को बराबर-बराबर लेकर कूट-पीसकर चूर्ण बनाएं। 5 ग्राम चूर्ण में मिश्री व घी मिलाकर दूध के साथ सेवन करने से शारीरिक शक्ति बढ़ती है।
- – तिल, गुड़, उड़द, अश्वगंधा और जौ को सममात्रा में लेकर उसे कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। इससे दस ग्राम की मात्रा में दूध के साथ सेवन करने से शारीरिक दुर्बलता दूर होती है।
- -दो से चार सूखे अंजीर सुबह-शाम दूध में पकार खाएं और ऊपर से दूध पिएं। इसके सेवन से शरीर में नई शक्ति आती है।
note: यह उपाय इंटरनेट के माध्यम से संकलित हैं कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करके ही उपाय करें ।