Coal Mining : कोयला खनन से छत्तीसगढ़ राजस्व में उत्तरोत्तर वृद्धि, पिछले 3 वर्षों में हुआ 7217 करोड़ लाभ

Coal Mining : कोयला खनन से छत्तीसगढ़ राजस्व में उत्तरोत्तर वृद्धि, पिछले 3 वर्षों में हुआ 7217 करोड़ लाभ

Chhattisgarh government wrote a letter to the Center to cancel the auction of coal block

रायपुर, नवप्रदेश। छत्तीसगढ़ में विगत तीन वर्षों में कोयला खनन से प्राप्त राजस्व में उत्तरोत्तर वृद्धि दर्ज करते हुए 7 हजार 217 करोड़ रूपए के राजस्व की प्राप्ति हुई है।

इनमें राज्य को कोयला खनन से प्राप्त राजस्व वर्षवार 2019-20 में 2 हजार 337 करोड़ रूपए, 2020-21 में 2 हजार 356 करोड़ रूपए तथा 2021-22 में 2 हजार 524 करोड़ रूपए है। यह उपलब्धि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ खनिज भण्डारण नियम 2009 के कुशल क्रियान्वयन से हासिल हुई (Coal Mining) है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ खनिज भण्डारण नियम, 2009 के तहत विशेष परिस्थिति में खनिज पट्टेधारियों एवं अनुज्ञप्तिधारियों को खनिज प्रेषण पूर्व जिला कार्यालय को प्रस्तावित खनिज की मात्रा, ग्रेड प्राप्तकर्ता इत्यादि विषयक जानकारी दिये जाने के प्रावधान है।

इस तारतम्य में कोयले के प्रेषण हेतु जारी होने वाले डीओ की जांच के संबंध में विभाग द्वारा प्रचलित व्यवस्था के संबंध में अवगत कराया गया (Coal Mining) है। इसके तहत प्रदेश में कोयला खदानों का संचालन एवं प्रेषण प्रमुख रूप से भारत सरकार का उपक्रम एसईसीएल द्वारा किया जाता है।

एसईसीएल द्वारा विभिन्न स्कीम यथा लिंकेज, ईऑक्शन आदि के माध्यम से पावर एवं नॉनपावर श्रेणी अनुसार विभिन्न उपभोक्ताओं को कोयला प्रदाय किया जाता (Coal Mining) है।

कोयले पर राज्य शासन को देय रायल्टी एसईसीएल द्वारा स्कीम अनुसार प्रदाय किये जा रहे कोयले के बेसिक सेल प्राईस का 14 प्रतिशत होता है। स्कीमवाईज पावर एवं नॉनपावर श्रेणी एवं ग्रेडवाईस कोयले के बेसिक सेल प्राईस में व्यापक अंतर होता है।

अतएव कोयला किस स्कीम के तहत किस उपभोक्ता को विनिर्दिष्ट स्थान हेतु प्रेषित किया जा रहा है कि प्रेषण पूर्व रायल्टी एवं राज्य शासन को देय इस पर देय अन्य भुगतानों यथा डीएमएफ पर्यावरण उपकर, अधोसंरचना उपकर की पूर्व जानकारी विभाग को होना आवश्यक होती है।

संचालित खनिज ऑनलाईन पोर्टल के तहत ऑटो अप्रूव्हल आधारित ई-परमिट एवं ई-ट्रांजिट पास व्यवस्था में कोयला खान संचालकों द्वारा किस स्कीम के तहत किस उपभोक्ता को कोयला के ग्रेड, साईज, मात्रा, गंतव्य स्थल इत्यादि विषयक जानकारी विभाग के मैदानी अमले को खदान से कोयला प्रेषण पूर्व नहीं हो पाता था।

इसके मद्देनजर 15 जुलाई 2020 निर्देश के तहत कोयला खान मालिको को खान से विभिन्न संस्थानों, उपभोक्ताओं को कोयला प्रेषण हेतु खनिज ऑनलाईन पोर्टल से डिलीवरी आर्डर के आधार पर ई-परमिट जारी करने के पूर्व निर्धारित प्रपत्र में संबंधित जिले के खनि अधिकारी को आवेदन एवं अनुमति का प्रावधान किया गया है

ताकि विभाग के मैदानी अमले कोयला खान मालिकों द्वारा स्कीम विशेष अंतर्गत निर्धारित उपभोक्ता को जारी डिलिवरी आर्डर के अनुरूप ही कोयला प्रदाय किया जा रहा है अथवा नहीं इसकी समुचित जांच की जा सके।

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