Coal Exploration India : अब निजी कंपनियां भी करेंगी कोयले की खोज, अन्वेषण में आएगी तेजी
Coal Exploration India
अब जमीन के भीतर कोयले (Coal Exploration India) की खोज सिर्फ सीएमपीडीआईएल तक सीमित नहीं रहेगी। कोयला मंत्रालय ने पहली बार निजी क्षेत्र को भी अधिकृत करते हुए 18 नई कंपनियों को कोयला और लिग्नाइट की खोज की अनुमति दे दी है। अभी तक केवल कोल इंडिया लिमिटेड की सहयोगी इकाई सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट (सीएमपीडीआईएल) ही अन्वेषण और डिजाइन का एकमात्र जिम्मेदार संस्थान था ।
सीएमपीडीआईएल वर्ष 1973 से देशभर में कोयला खोज, खनन योजनाओं की तैयारी और भूगर्भीय डिजाइन का जिम्मा निभाता रहा है। कोयला मिलने के बाद उत्खनन कार्य कोल इंडिया से संबद्ध विभिन्न कंपनियों को सौंपा जाता है। लेकिन अब निजी क्षेत्रों के प्रवेश के साथ कोयला और लिग्नाइट खोजने के लिए 18 और एजेंसियां शामिल हो जाएंगी, जिससे कोयला ब्लॉक आवंटियों को अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे और कार्य की गति भी बढ़ेगी।
अन्वेषण में छह माह की बचत
कोयला खदान संचालन के लिए भूगर्भीय रिपोर्ट तैयार करना अनिवार्य प्रक्रिया है। नई एजेंसियों के शामिल होने से यह प्रक्रिया तेज होगी और वह समय—जो पहले लाइसेंसिंग में छह माह तक लग जाता था। अब बच सकेगा। भारतीय गुणवत्ता परिषद–राष्ट्रीय शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रत्यायन बोर्ड (NABET) द्वारा मान्यता प्राप्त इन निजी संस्थाओं को 26 नवंबर को आधिकारिक रूप से अधिसूचित किया गया है (Coal Exploration India)। इससे अन्वेषण गति पकड़ने और खनन से जुड़े प्रोजेक्ट्स जल्द शुरू होने की उम्मीद है।
सीएमपीडीआईएल का व्यापक अनुभव
उल्लेखनीय है कि सीएमपीडीआईएल ने देश में सभी प्रकार की भौगोलिक संरचनाओं में अब तक एक हजार से अधिक कोयला अन्वेषण परियोजनाएं पूरी की हैं, जिनसे 95 बिलियन टन कोयले का भंडार चिह्नित हुआ है। संस्था ने अपनी सेवाओं का विस्तार मैंगनीज, लौह अयस्क, रॉक फॉस्फेट समेत अन्य खनिजों तक किया है। यहां तक कि उसने तंजानिया में भी अन्वेषण कार्य संपन्न किए हैं।
निजी क्षेत्र की भागीदारी से कोयला खोज, रिपोर्ट निर्माण और खनन की प्रक्रियाएं पहले की तुलना में कहीं अधिक तेज व सुलभ होंगी। इससे ऊर्जा क्षेत्र में उत्पादन और उपलब्धता बढ़ने की संभावनाएं भी मजबूत होंगी।
