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CM’s Misbehavior : केजरीवाल और ममता की अशिष्टता

CM's Misbehavior: The rudeness of Kejriwal and Mamata

CM's Misbehavior

CM’s Misbehavior : देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमितों की संख्या बढऩे से इसकी चौथी लहर आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक की। जिसमें उन्होने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए किए जाने वाले उपायो की चर्चा की और महंगाई पर भी अपने विचार व्यक्त किए। इस महत्वपूर्ण बैठक में जहां सभी मुख्यमंत्री पूरी गंभरीता दिखा रहे थे वहीं नई दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी ने अशिष्टता का परिचय दिया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन के दौरान (CM’s Misbehavior) जहां ममता बेनर्जी अपने मोबाईल पर लगी रही वहीं नई दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कभी आंखे मलते थे तो कभी जम्हाई लेने लगते थे ओैर कभी अपने दोनों हाथ पीछे लेजाकर अपनी कुर्सी पर पसर जाते थे। प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान उनकी यह भावभंगीमा यही दर्शाति है कि वे कोरोना और महंगाई को लेकर कितने चिंतित है। यदि इन नेताओं को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संबोधन सुनना ही नहीं था तो इन्हे वर्चुअल बैठक में भाग ही नहीं लेना था। ये वहीं अरविंद केजरीवाल है जिनकी सरकार के निकम्मेपन के कारण कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान दिल्ली में हाहाकार मच गया था।

महाराष्ट्र के बाद नई दिल्ली ऐसा दुसरा राज्य था जहां कोरोना ने सर्वाधिक कहर ढाया था। केजरीवाल सरकार की आपराधिक लापरवाही के चलते अनेक कोरोना संक्रमितों की मौत भी हो गई थी लेकिन उन्होने अपनी सरकार की नाकामी का ठीकरा केन्द्र सरकार पर फोड़ दिया था। उनके कथित मोहल्ल क्लिनिक कोरोना काल में सफेद हाथी सिद्ध हुए थे। यही वजह है कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को मोर्चा संभालना पड़ा था तक कहीं जाकर नई दिल्ली के बेकाबू हुए हालातों पर काबू पाया जा सका था।

अरविंद केजरीवाल हो या ममता बेनर्जी (CM’s Misbehavior) उनके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से या भाजपा से जो भी मतभेद हो लेकिन राष्ट्रहित से जुड़े मुद्दे को उन्हे गंभीरता से लेना चाहिए। बंगाल में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गए थे तब उनके कार्यक्रम का ममता बेनर्जी ने एक तरह से बहिष्कार ही कर दिया था।

वे कुछ मिनटों के लिए ही मंच पर पहुंची थी और अपनी व्यस्तता का बहाना कर वहां से निकल गई थी। इसी तरह अरविंद केजरीवाल भी इसके पहले भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वर्चुअल बैठक में इसी तरह की उदासीनता दिखा चुके है। ऐसे नेताओं को यह समझना चाहिए कि कोरोना हो या बढ़ती महंगाई ये विकट समस्या है और इससे निपटने के लिए उन्हे दलगत भावना से ऊपर उठकर एकजुटता दिखानी चाहिए।

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